Jaipur Serial Blast: अदालत ने 4 आरोपियों को दोषी करार दिया

11 साल पहले जयपुर में हुए सीरियल धमाकों (Jaipur Serial Blast) सुनवाई करते हुए अदालत ने 4 आरोपियों को आखिरकार दोषी करार दे दिया।

Jaipur Serial Blast

11 साल पहले जयपुर में हुए सीरियल धमाकों (Jaipur Serial Blast) सुनवाई करते हुए अदालत ने 4 आरोपियों को आखिरकार दोषी करार दे दिया।

11 साल पहले जयपुर में हुए सीरियल धमाकों (Jaipur Serial Blast) पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 4 आरोपियों को आखिरकार दोषी करार दे दिया। जयपुर ब्लास्ट (Jaipur Serial Blast) मामले में एटीएस ने 11 आतंकियों को नामजद किया था। इस मामले में पांच आरोपियों को एटीएस राजस्थान ने गिरफ्तार कर लिया था।

Jaipur Serial Blast
जयपुर ब्लास्ट (फाइल फोटो)।

11 साल पहले जयपुर में हुए सीरियल धमाकों (Jaipur Serial Blast) पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 4 आरोपियों को आखिरकार दोषी करार दे दिया। जयपुर ब्लास्ट (Jaipur Serial Blast) मामले में एटीएस ने 11 आतंकियों को नामजद किया था। इस मामले में पांच आरोपियों को एटीएस राजस्थान ने गिरफ्तार कर लिया था।वहीं, हैदराबाद पुलिस ने इस मामले से जुड़े दो आंतकियों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी एक आतंकी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की थी। हालांकि, इस हमले के तीन आरोपी अभी भी फरार हैं। बता दें कि 13 मई, 2008 को जयपुर में सिरियल ब्लास्ट (Jaipur Serial Blast) हुए थे। उन धमाकों ने पिंक सिटी को दहला दिया था।

अलग-अलग जगहों पर सिलसिलेवार धमाकों हुए थे। हैरानी की बात ये थी कि महज 12 मिनट के भीतर जयपुर शहर की घनी आबादी वाले 8 स्थानों पर बम धमाके हुए थे। जबकि एक बम को नष्ट किया गया था। इन सिरियल ब्लास्टस (Jaipur Serial Blast) में कुल 80 लोगों की जानें गई थीं और करीब 170 लोग घायल हो गए थे। ये सारे धमाके हवा महल के आस-पास के इलाकों में किए गए थे। ये सभी सिलसिलेवार धमाके दो किलोमीटर के दायरे में हुए थे। आतंकियों ने इन धमाकों को अंजाम देने के लिए नया तरीका इस्तेमाल किया था। सभी बम साइकिलों में लगाए गए थे। ये साइकिलें टारगेट किए गए इलाकों में खड़ी कर दी गई थीं।

ये सभी इलाके ऐसे थे, जहां आम लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी भारी संख्या में आते हैं। उस दिन सिलसिलेवार धमाकों (Jaipur Serial Blast) के बाद काफी देर तक जयपुर शहर की मोबाइल और टेलीफोन लाइनें जाम हो गईं थीं। कई घंटे बाद मोबाइल सेवा ठीक से चल पाई थी। पुलिस के मुताबिक, हनुमान मंदिर के निकट बम निरोधक दस्ते ने एक बम को निष्क्रिय कर दिया था। धमाके इतने शक्तिशाली थे कि कुछ लोगों के जिस्म तो कुछ फुट ऊपर तक उड़ गए थे। हमले की साजिश काफी सावधानी से रची गई थी। राजस्थान के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एएस गिल ने कहा था कि यह आतंकवादी हमला था।

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