अफगान जेल से फरार ये तीनों आतंकी भारत के लिए बेहद खतरनाक, ISI के इशारे पर कश्मीर को दहलाने की योजना

आईएसआई की मदद से अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां की जेल से इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISPK) के तीनों बड़े आतंकी भाग गये हैं।

Militants

अफगानिस्तान की जेल में एक साल से बंद तीन खूंखार आतंकी (Militants) भारत के लिए सिरदर्द बन सकते हैं। क्योंकि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां की जेल से इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISPK) के ये तीनों बड़े आतंकी भाग गये हैं।

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खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये तीनों आतंकी (Militants) लश्कर और जैश के साथ मिलकर कश्मीरी नौजवानों को फिर आतंकी संगठनों में जोड़ने की कोशिश में लग गये हैं। इस रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इन तीन आतंकियों में दो पाकिस्तानी और एक कश्मीरी है। जिन्हें 2020 में हुए अफगान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारा विस्फोट के बाद अफगान सुरक्षा एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार इनमें से एक पाकिस्तानी आतंकी का नाम असलम फारूकी अखुंदजादा है, जो फारूकी अफगान-पाकिस्तान बॉर्डर के कबायली इलाके का रहने वाला है। यह आतंकी बीते एक दशक से ज्यादा समय से कश्मीरी नौजवानों को इस्लामिक स्टेट खुरासान में जोड़ने का काम करता रहा है।

वहीं फरार दूसरे आतंकी का नाम मनसीब बताया जा रहा है। यह आईएसआईएस-के के लिए सोशल मीडिया सेल संचालित करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी मनसीब एक आईटी एक्सपर्ट है और पाकिस्तानी नागरिक है। मनसीब ने सोशल मीडिया के माध्यम से आईएसआईएस-के (ISPK)  में कई लोगों को जोड़ने का काम किया है। ऐसे में जेल से फरार होने के बाद मनसीब भी फिर फिर से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हो गया है।

इन दोनों के अलावा एक और नाम है एजाज अहंगर का। 55 वर्षीय ये आतंकी मूल रूप से कश्मीरी बताया जाता है। एजाज का नाम 2020 में उस समय सामने आया था जब अफगानिस्तान की एजेंसियों ने 25 मार्च 2020 में काबुल गुरुद्वारे पर हमले की जांच शुरू की थी। इस हमले के आरोप में अफगान एजेंसियों ने कंधार के पास से एजाज को आईएस-के (ISIS-K) के मुखिया असलम फारुकी के साथ गिरफ्तार किया था। हमले के लिए इस्लामिक स्टेट फॉर खुरासान प्रोविंस (ISPK) का मुखिया और उसके साथियों (Militants) को जिम्मेदार माना गया, जिनमें से एक एजाज भी था।

आतंकी एजाज अहंगर (Aijaz Ahmad Ahangar) कई सालों तक घाटी में सक्रिय था और इस दौरान कई बार गिरफ्तार भी हुआ। लेकिन 1996 में कश्मीर में जेल से आखिरी बार छूटने के बाद से ही वह भूमिगत हो गया, जिसे दशकों बाद में अफगानिस्तान में गिरफ्तार किया गया। ऐसे में जेल से फरार होने के बाद आतंकी एजाज फिर से जम्मू कश्मीर की अमन-शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।

कौन है आतंकी एजाज अहंगर ?

कश्मीर का रहने वाला है आतंकी एजाज

जम्मू कश्मीर के वांछित आतंकियों में से एक

फिदायीन तैयार करने में उस्ताद

बम बनाने का महारथी

कई सालों तक घाटी में रहा सक्रिय आतंकी

आतंकी साजिश रचने के आरोप में कई बार गिरफ्तार

1992 में पहली बार हुई एजाज की गिरफ्तारी

1995 में दूसरी बार हिरासत में लिया गया

1996 में जेल से छूटने के बाद से भूमिगत

गायब होने के बाद बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा

पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI ने दी एजाज को पनाह

अल कायदा से जुड़कर कई आतंकी हमले को दिया अंजाम

अल कायदा के बाद ISIS की सदस्यता ली

ISIS ने एजाज को ISIS-K की जिम्मेदारी सौंपी

काबुल हमले के आरोप में 2020 में कंधार से गिरफ्तार

2021 में अफगान पर तालिबान के कब्जे के बाद जेल से फरार

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