बड़ा खुलासा: कश्मीरी-खालिस्तानी आतंकियों की मदद से टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहा ISI, निशाने पर RSS के कई बड़े नेता

तीनों कथित कश्मीरी आतंकवादी (Militants) नारको–टेरेरिज्म के जरिये फंडिंग करने आए थे। इनके टारगेट पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ नेता थे और उनकी योजना बड़ी वारदात को अंजाम देना था।

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नोटबंदी के बाद नकली नोटों की तस्करी पर कुछ हद तक लगाम लगने के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ड्रग्स की तस्करी से कमाए गए रुपयों से भारत में आतंकवाद फैलाना शुरू कर दिया है। यह खुलासा पुलिस की गिरफ्त में आए पांचों आतंकवादियों (Militants) ने किया है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि पांचों आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद आईएसआई का खालिस्तान और कश्मीर कनेक्शन का भी पर्दाफाश हुआ है। बहरहाल सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कार्रवाई में जुटी हुई है।

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शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है की ड्रग्स के गोरखधंधे से हो रही काली कमाई का इस्तेमाल आईएसआई ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित किए जाने में शुरू कर दिया है। जबकि पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकवादी और आईएसआई पंजाब में टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे हैं और इन लोगों ने कश्मीर के आतंकवादियों (Militants) के साथ मिलकर नया प्लान बनाया है। इसी कड़ी में अक्तूबर महिने में पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने वाले बलविंदर सिंह सिंधू की हत्या कर दी गई थी। बलविंदर सिंह शौर्य चक्र पुरस्कार से सम्मानित हो चुके थे‚ पकड़े गए आरोपियों में पंजाब निवासी गुरजीत और सुखदेव का हाथ इस वारदात में मिला है।

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में बैठे वांटेड गैंगस्टर और खालिस्तान समर्थक आतंकवादी सुखजीत सुख बिखरीवाल ने खालिस्तानी आतंकवादियों (Militants) के साथ मिलकर आईएसआई के इशारे पर पंजाब में बलविंदर सिंह सिंधू की हत्या करवाई थी। पूछताछ में पता चला है कि नोटबंदी के बाद से नकली नोटों की सप्लाई काफी कम हो चुकी है। ऐसे में इन लोगों ने टेरर फंडिंग के लिए ड्रग्स का रास्ता अख्तियार किया है। अफगानिस्तान में आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद है। वहीं से ड्रग्स की सप्लाई भारत में हो रही है। यह भी पता चला है कि जो ड्रग्स बिकती है‚ उससे होने वाली कमाई से ये लोग भारत में आतंकवाद को हवा देने का काम करते हैं।

दिल्ली पुलिस का कहना है जो लोग आतंकवाद के खिलाफ खड़े हो रहे हैं‚ उनकी गैंगस्टर के जरिए हत्या करवाई जा रही है। साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। इन सभी का लिंक पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई से है।

आरोपियों में अयूब पठान का कनेक्शन हिजबुल मुजाहिदीन से है। जांच में पाया गया है कि इसका भाई पीओके में रहता है। आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई खालिस्तानी मूवमेंट को बढ़ावा देने के लिए पंजाब के गैंगस्टर्स का इस्तेमाल हो रहा है और अब आईएसआई खालिस्तानी गैंगस्टर और कश्मीरी आतंकवादियों (Militants) को एक साथ मिलाकर इसका इस्तेमाल भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए करना शुरू कर दिया है।

आतंकवादियों (Militants) के निशाने पर थे RSS के कई नेता

पुलिस सूत्रों के अनुसार तीनों कथित कश्मीरी आतंकवादी (Militants) नारको–टेरेरिज्म के जरिये फंडिंग करने आए थे। इनके टारगेट पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ नेता थे और उनकी योजना बड़ी वारदात को अंजाम देना था। पुलिस ने दावा किया कि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी दिल्ली में बैठे राइट विंग जैसे आरएसएस के कुछ नेता की हत्या की साजिश रच रहे हैं। इनके निशाने पर दिल्ली ‚पंजाब‚ यूपी‚ उत्तराखंड और अन्य राज्यों के नेता भी हैं।

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