अमेरिका-ईरान की लड़ाई से भारत को क्या होगा नुकसान, जानें…

अमेरिका द्वारा ईरान (Iran) के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या किए जाने के बाद अमेरिका (America) और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं।

Iran

अमेरिका और ईरान में तनाव का भारत पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।

अमेरिका द्वारा ईरान (Iran) के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी (General Qasem Soleimani) की हत्या किए जाने के बाद अमेरिका (America) और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। ऐसे में भारत के ईरान के साथ व्यापारिक संबंधों पर भी नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।

Iran
अमेरिका-ईरान की लड़ाई से भारत को नुकसान।

अमेरिका द्वारा ईरान (Iran) के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी (General Qasem Soleimani) की हत्या किए जाने के बाद अमेरिका (America) और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। ऐसे में भारत के ईरान के साथ व्यापारिक संबंधों पर भी नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। इसका भारत की आर्थिक स्थिति और फॉरेन एक्सचेंज पर भी भारी असर पड़ेगा। फॉरेन एक्सचेंज बढ़ा तो न सिर्फ मंदी बढ़ेगी बल्कि खाने-पीने की चीजों से लेकर ट्रांसपोर्ट, रेलवे, प्राइवेट ट्रांसपोर्ट पर भी असर बुरा असर होगा। ये सब हुआ तो भारत की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी और साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ेगी। भारत में कच्चे तेल का संकट गहरा सकता है। अमेरिका और ईरान (Iran) में तनाव से कच्चे तेल की कीमतों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

भारत 80 फीसदी तेल वहां से आयात करता है और बड़ी मात्रा में गैस भी आती है। इसी बीच चाय और चावल उद्योग चिंता भी बढ़ गई है। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (AIREA) ने निर्यातकों से हालात सामान्य होने तक ईरान (Iran) को किया जाने वाला बासमती चावल का निर्यात रोक देने को कहा है। वहीं टी बोर्ड ने भी कहा है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो इसका निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ेगा। बता दें कि भारत की चाय और बासमती चावल का ईरान प्रमुख आयातक है। पिछले कुछ सालों में भारतीय चाय का सबसे बड़ा आयातक ईरान (Iran) रहा है। आंकड़ों के अनुसार कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (CIA) देशों को नवंबर 2019 तक कुल 5.28 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया गया, जिसमें से 5.043 करोड़ किलोग्राम का आयात अकेले ईरान (Iran) ने किया।

पढ़ें: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर, ट्रंप ने कहा- हमें मिडिल ईस्ट के तेल की जरूरत नहीं

चाय के अलावा ईरान बासमती चावल का भी बड़ा आयातक है। AIREA की एडवाइजरी के आधार पर यदि ईरान को बासमती चावल का निर्यात बंद हुआ तो निश्चित रूप से इसका असर घरेलू बाजार में इसकी कीमतों, किसानों और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। इसके अलावा अमेरिका (America) और ईरान (Iran) के टकराने का असर भारतीय शेयर बाजार पर दिख रहा है। विदेशी निवेशक बड़े पैमाने से भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। आर्थिक अनिश्चितता के दौरान में हर निवेशक सोने जैसे सुरक्षित विकल्प को अपना रहे हैं। जिससे सोने की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव चार महीने के ऊंचे स्तर पर है। जानकारों की मानें तो अगले तीन महीने में बुलियन में तेजी का रुख बना रह सकता है।

इसके साथ ही 100 बिलियन से अधिक का व्यापार खाड़ी देशों में होता है और वहां भारत ने निवेश भी किया है। 80 लाख भारतीय भी वहां रहते हैं, जिनका देश की अर्थव्यवस्था में योगदान है। अगर अमेरिका और ईरान (Iran) में और तनाव बढ़ता है तो खासकर खाड़ी देशों में रह रहे लोग देश वापस आ जाएंगे। इससे भारत को आर्थिक मोर्चे पर काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि खाड़ी देशों ज्यादातर लोग कमाने के लिए गए हैं और वहां से अपने घरों में पैसे भेजते हैं। जो पैसा आता है वो देश के विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम हिस्सा बनाता है। अगर ये लोग वापस आए तो भारत को काफी नुकसान होगा। इसलिए अगर अमेरिका (America) और ईरान (Iran) में तनाव बढ़ता है तो उसके बुरे परिणाम भारत को भुगतने होंगे।

पढ़ें: एयर इंडिया के प्लेन क्रैश में मरे थे 356 लोग, यह हैं अब तक की 10 सबसे भयानक विमान दुर्घटनाएं

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें