सरकार की नीतियों की वजह से सीमा पार से घुसपैठ में भारी गिरावट

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने सरकार ने सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को लेकर ‘जीरो-टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर सीमा पार से हो रहे घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी उपाय किए हैं।

Jammu Kashmir, Surgical Strike, Nityanand Rai, Pakistan, India, infiltration decreases, Home Ministry, LoC, India Pakistan border, sirf sach, sirfsach.in

सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों से घुसपैठ और आंतकवादी गतिविधियों में भी कमी आई है।

सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को लेकर केंद्र सरकार की नीतियां काफी सख्‍त हैं। यही वजह है कि बीते करीब एक साल में ऐसी घटनाओं में तेजी से गिरावट आई है। घुसपैठ में पिछले साल की तुलना में इस साल के शुरू के छह महीने में 43 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही आतंकियों के खात्मे में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसकी एक बड़ी वजह सर्जिकल स्ट्राइक है। सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों से घुसपैठ ही नहीं आंतकवादी गतिविधियों और आतंकियों की स्थानीय भर्ती में भी कमी आई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने 9 जुलाई को लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य में काफी सुधार हुआ है। पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सीमा पर घुसपैठ के मामलों में 43 प्रतिशत की कमी आई है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नियंत्रण रेखा से सटे पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले इलाके और भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर इलेक्ट्रिक फेंसिंग से ऐसी घटनाओं में तेजी से गिरावट आई है। उन्‍होंने कहा, ‘नियंत्रण रेखा पर भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर इलेक्ट्रिक फेंसिंग की वजह से घुसपैठ की घटनाओं में 43 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। साफ है कि यह घुसपैठ जैसी घटनाओं को रोकने में महत्‍वपूर्ण साबित हो रहा है।’ राय ने जम्मू कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ के संबंध में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘सुरक्षा बलों के सटीक व समन्वित प्रयासों के कारण देश में सुरक्षा के हालात में सुधार हुआ है। पिछले 6 माह की स्थिति 2018 के मुकाबले काफी बेहतर है।’

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने सरकार ने सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को लेकर ‘जीरो-टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर सीमा पार से हो रहे घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी उपाय किए हैं। सरकार घुसपैठ जैसी घटनाओं को लेकर बेहद सख्‍त है और ऐसी घटनाओं को बिल्‍कुल बर्दाश्‍त नहीं किया जा रहा है। घुसपैठ पर रोक लगाने को लेकर सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का असर भी दिखने लगा है। सरकार ने हर स्‍तर पर सुरक्षा मजबूत करने पर जोर दिया है।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी नियंत्रण रेखा और पाकिस्‍तान से लगने वाली अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर इलेक्ट्रिक फेंस का काम जोर-शोर से किया गया था। इसे घुसपैठ पर अंकुश लगाने की कोशिशों में काफी अहम माना जा रहा है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, आतंकवाद पर हुई बैठक के दौरान यह बात सामने आई है कि सीमा पार से आने वाले आंतकवादियों की संख्या में इस साल भारी कमी आई है। पुलवामा हमले के बाद भारत की ओर से किए गए बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान को स्पष्ट तौर पर यह संदेश गया है कि यदि कोई बड़ी घटना हुई तो भारत कोई भी कदम उठा सकता है।

पढ़ें: 9 साल की उम्र में नक्सलियों ने कर लिया था अगवा, चंगुल से यू निकल आज जी रही है बेहतर जिंदगी

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें