भारतीय सेना की अनूठी पहल: कश्मीर में रेडियो सर्विस की शुरुआत, भटके शिक्षित नौजवानों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश

सुरक्षाबल (Security Forces) लगातार इस कोशिश में है कि भटके नौजवानों को मुख्यधारा में लाया जाए। घर से भाग चुके इन नौजवानों में कुछ को वापस लाने में सुरक्षाबलों को कामयाबी मिली है। कुछ को जवानों के साथ मुठभेड़ों में मारे गए।

Security Forces

First community FM radio station starts in Anantnag by Indian Security Forces

भारतीय सुरक्षाबल दुश्मन के दांत खट्टे करने में तो माहिर है ही‚ साथ ही मानवीय संवेदनाओं से भी लबरेज है। खासकर घाटी में जब भी कोई आपदा आई‚ देवदूत की तरह आगे बढ़कर सुरक्षाबल के जवानों ने लोगों की मदद की। अब सुरक्षाबलों (Security Forces) के सामने एक बड़ी चुनौती घाटी के उन शिक्षित नौजवानों को आतंकवाद की अंधी गली में जाने से रोकना है। इसके तहत अब सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में ‘कम्युनिटी रेडियो सर्विस (Radio Service)’ के जरिए स्थानीय नौजवानों को अमन के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए नई पहल की है।

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दरअसल घाटी का दक्षिण इलाका कई दशकों से जारी आतंकवाद के कारण सुलगा हुआ है। यहां के चार जिले अनंतनाग‚ कुलगाम‚ पुलवामा तथा शोपियां में आतंकियों (Militants) ने अपनी जड़ें जमा रखी हैं। हालांकि सुरक्षाबलों (Security Forces) के जवान आतंकवाद के सफाए के लिए दिन–रात एक किए हुए हैं‚ लेकिन इस माहौल में कम उम्र के शिक्षित नौजवानों का अचानक घर से लापता हो जाने और फिर बाद में उनके सोशल मीडिया पर ऑडियो व वीडियो के जरिए आतंकी बन जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसे देखते हुए सुरक्षाबल लगातार इस कोशिश में है कि इन भटके नौजवानों को मुख्यधारा में लाया जाए। घर से भाग चुके इन नौजवानों में कुछ को वापस लाने में सुरक्षाबलों को कामयाबी मिली है। कुछ को जवानों के साथ मुठभेड़ों में मारे गए।

इस माहौल में सुरक्षाबलों (Security Forces) को चिंता सता रही थी कि इन नौजवानों को ‘ब्रेन वॉश’ करने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) अथवा अन्य माध्यमों पर अंकुश लगाते हुए उन्हें मनोवैज्ञानिक तरीके से मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया जाए।

सुरक्षाबलों (Security Forces) ने की ‘कम्युनिटी रेडियो सर्विस’ की शुरुआत  

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों (Security Forces) की पहल से कम्युनिटी रेडियो सर्विस की शुरुआत हुई। भारतीय सेना के प्रवक्ता के मुताबिक इसे ‘रेडियो राब्ता- दिल से दिल तक’ श्लोगन के साथ यहां के नौजवानों को एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है। सुरक्षाबलों की ये रेडियो सर्विस (Radio Service) खासकर दक्षिण कश्मीर के नौजवानों तक पहुंचने की कोशिश करेगी। उर्दू और कश्मीरी भाषा में कार्यक्रम पेश किए जाएंगे‚ जिसमें सूफियाना नाटक व गीत शामिल होंगे। बाद में इन नौजवानों को हिंदी–पंजाबी के मिक्स गानों का आनंद भी दिया जाएगा।

दक्षिण कश्मीर का ये इलाका लंबे अरसे से आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का भी गढ़ रहा है। ये अलग बात है कि अब यहां पर मौलाना मसूद अजहर का आतंकी संगठन जैश–ए–मोहम्मद अपनी जड़ें जमाने में लगा है। जुलाई 2016 में जब अनंतनाग के कोकरनाग में हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी को मुठभेड़ में मार गिराया गया था‚ उसके बाद महीनों तक दक्षिण कश्मीर के चारों जिले आतंकवाद की आग में धधकते रहे। पत्थरबाजों की भीड़ और आतंकियों (Militants) के जनाजे में जन-सैलाब आदि ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए कई चुनौतियां खड़ी कर दी थीं।

स्थानीय जानकारों का कहना है कि बुरहान वानी की मौत के बाद दक्षिण कश्मीर से शिक्षित नौजवानों का बड़ी तादाद में घरों से लापता होने का सिलसिला शुरू हुआ‚ जो कि अभी तक जारी है। अनंतनाग में खोले गए कम्युनिटी रेडियो सर्विस (Radio Service) के बाद उनका अगला कदम शोपियां में इस सेवा को शुरू करने का है।

 

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