ब्रह्मोस मिसाइल के नौसैन्य वर्जन का सफल परीक्षण, भारतीय नौसेना ने आईएनएस रणविजय से किया मिसाइल फायर

भारतीय वायु सेना (Indian Airforce) ने 30 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में सुखोई लड़ाकू विमान से इस ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) का सफल परीक्षण किया था।

Brahmos Missile

Indian Navy successfully test-fires naval version of Brahmos Missile.

भारतीय नौ-सेना (Indian Navy) ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos Missile) के नौसैन्य संस्करण का बंगाल की खाड़ी में आईएनएस रणविजय से कामयाब परीक्षण किया। सेना के तीनों अंगों द्वारा मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है। इसी के तहत ब्रह्मोस मिसाइल के नौसैन्य संस्करण का परीक्षण किया गया।

भारतीय नौ-सेना (Indian Navy) ने छह सप्ताह पहले अरब सागर में भी ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) का इसी तरह का परीक्षण किया था। भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एरोस्पेस ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्माण किया है। इन मिसाइलों को पनडुब्बी, जहाज या जमीनी प्लेटफॉर्म से छोड़ा जा सकता है। नौ-सेना सूत्रों ने बताया कि 1 दिसंबर को मिसाइल का परीक्षण ‘सफल’ रहा ।

भारतीय थल सेना (Indian Army ) ने 24 नवंबर को सतह से सतह पर मार करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) का परीक्षण किया था। इसकी रफ्तार आवाज की गति से करीब तीन गुना तेज या 2.8 मैक की है। ब्रह्मोस मिसाइल के जमीन से छोड़े जाने वाले संस्करण की रेंज को भी 400 किलोमीटर तक बढ़ाया गया है।

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भारत ने लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात किया है। पिछले ढाई महीने में भारत ने एंटी-रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-एक, समेत कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। रूद्रम-एक को 2022 तक सेवा में शामिल किए जाने की संभावना है ।

भारतीय वायु सेना (Indian Airforce) ने 30 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में सुखोई लड़ाकू विमान से इस ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) का सफल परीक्षण किया था। वायु सेना अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए 40 से ज्यादा सुखोई लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस मिसाइलों को शामिल करने करने जा रही है।

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