कातिल कोरोना से जंग को तैयार है सरकार, ये है सरकार के 7 अस्त्र

कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ जंग की पूरी रणनीति को 20 पन्नों के दस्तावेज में बयां किया गया है। सरकार को यह खास रणनीति बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी‚

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देश में कोरोना (Coronavirus) संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के बाद केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पिछले दिनों महामारी से निपटने के उपायों को लेकर हुई समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद नई रणनीति बनाने पर जोर दिया था। सूत्रों के अनुसार‚ कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ जंग की पूरी रणनीति को 20 पन्नों के दस्तावेज में बयां किया गया है। सरकार को यह खास रणनीति बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी‚ क्योंकि 22 मार्च के बाद से अब तक कोरोना (Coronavirus) मामलों में 3 गुना ज्यादा वृद्धि हुई है। सूत्रों के अनुसार इस खास प्लान को सात बिंदुओं में बांटा गया है।

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पहले बिन्दु में प्रभावित क्षेत्रों को पूरी तरह से बफर जोन बनाकर सील किए जाने की रणनीति बनाई गई है । ऐसे इलाकों को एक माह तक पूरी तरह बंद करने की योजना है।

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दूसरे बिंदु में जिन इलाकों में कोरोना (Coronavirus) मरीज होंगे‚ वहां कोई कार्यालय और दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। यहां प्राइवेट और सार्वजनिक वाहनों पर भी पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाया जाएगा। इन इलाकों से प्रतिबंध तभी हटाया जाएगा‚ जब इन क्षेत्रों में कोरोना (Coronavirus) का कोई कोई नया मरीज पिछले 4 हफ्तों में ना आया हो।

नई रणनीति में संदिग्ध मामलों के अलावा रैंडम टेस्ट पर भी ज्यादा जोर देने की बात है। इसमें कहा गया है कि उन क्षेत्रों में ज्यादा टेस्ट किए जाएं जहां से पाजिटिव मरीज पाए गए हैं मतलब हॉटस्पॉट क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने पर जोर देने की बात कही गई है।

गौरतलब है कि टेस्ट की संख्या बढ़ाई जा सके‚ इसके लिए सरकार ने 50 लाख टेस्ट किट का ऑर्डर भी दे दिया है। इसके अलावा फ्लू के लक्षणों वाले मरीजों की पूरी जांच करने के लिए भी कहा गया है।

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p style=”text-align: justify;”>नई रणनीति में मरीजों की भर्ती को लेकर भी नए सिरे से गाइडलाइन तय की गई है इसके तहत सभी मरीजों को उन्हीं अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा‚ जिसे केवल इस महामारी से निपटने के लिए तैयार किया गया है। इसके पीछे प्रमुख कारण यह है कि केंद्रीयकृत व्यवस्था में जहां मरीजों का समुचित ध्यान रखने में मदद मिलेगी‚ वहीं अन्य मरीजों के संक्रमित होने के खतरे को टाला जा सकेगा।

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