फाइल फोटो।
India China Border Tension: चीनी आर्मी ने पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी (Galwan Valley)‚ पैंगोंग लेक और डिप्संग में टेंट नहीं बल्कि कंक्रीट के पक्के ढांचे तैयार कर दिए हैं। 22 जून को भारत–चीन (India China ) सेना के कोर कमांड़रों में हुए समझौते को टोकन के तौर पर मानते हुए चीन ने अपनी सेना को कुछ स्थानों पर मात्र 200 मीटर पीछे किया है‚ लेकिन ढांचा हटाने से इन आधार पर इनकार कर रहा है कि यह 22 जून के समझौते का हिस्सा नहीं है।
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26 जून तक दोनों सेनाओं (India China ) के बीच दो बार कमांडर स्तर पर बातचीत हो चुकी है। लेकिन ढांचा हटाने को लेकर मामला जस का तस अटका है। इस बीच‚ सीमा पर जितनी तैयारी चीनी सेना की है‚ उसी टक्टर में भारत ने भी पूरी तैयारी कर ली है। संभवतः यह चीन की तरफ से भारतीय सीमा में अतिक्रमण का आखिरी मामला होगा। इसके बाद चीन अपनी मौजूदा पकड़ को आगे नहीं खिसका पाएगा‚ क्योंकि भारतीय सेना पूरे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात कर दी गई है। उसके सहयोग के लिए वायुसेना भी मोर्चे पर डट गई है। पाक सीमा पर तैनात सेना पूर्वी लद्दाख में भी अब स्थायी तौर पर पूरी शक्ति के साथ तैनात रहेगी।
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