
सांकेतिक तस्वीर
भारतीय सेना (Indian Army) ने सैनिकों की संख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। भारत के पैदल सैनिकों की संख्या बढ़कर करीब 12 लाख 40 हजार पहुंच गई है। चीन (China) अब पैदल सैनिकों की सूची में तीसरे नंबर पर आ गया है। इस सूची में दूसरे नंबर पर उत्तर कोरिया की सेना है।

चीनी सेना में सबसे बड़ा सुधार: जापान के रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया के सैनिकों की संख्या 11 लाख और चीन के सैनिकों की संख्या 9 लाख 80 हजार पहुंच गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, चीन इन दिनों अपनी सेना को और ज्यादा मारक बनाने के लिए बड़े पैमाने पर सुधार कर रहा है। यह चीन की सेना के इतिहास में सबसे बड़ा सुधार है। चीन के राष्ट्रपति ने नवंबर 2015 में सैन्य सुधारों की शुरुआत की थी।
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चीन ने की 3 लाख सैनिकों की कमी: चीन के राष्ट्रपति ने कहा था कि साल 2020 तक ये सैन्य सुधार पूरे होंगे। चीन ने अब सेना के लिए थियेटर कमांड ढांचा लागू किया है। इसके तहत 3 लाख सैनिकों की कमी की गई है। चीन ने अपनी सेना को अब 5 थियेटर में बांट दिया है। यही नहीं चीन की सेना ने रॉकेट फोर्स, स्ट्रेटजिक सपोर्ट फोर्स, लॉजिस्टिक सपोर्ट फोर्स का भी गठन किया है।
स्पेस, साइबर और लेजर वीपन पर जोर दे रहा चीन: रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन बहुत तेजी से संख्या और गुणवत्ता दोनों के लिहाज से बेहतर बनाने में लगा है। चीन का फोकस इस समय परमाणु हथियार, मिसाइल, नेवी और एयरफोर्स पर है। माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने सैनिकों की संख्या में कटौती की है। चीन अब स्पेस, साइबर और लेजर वीपन पर ज्यादा बल दे रहा है।
लगातार अपनी सेना को आधुनिक बना रहा भारत: इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.3 अरब की आबादी वाले भारत का दक्षिण एशिया में अच्छा खासा प्रभाव है। हिंद महासागर के मध्य में स्थित होने के कारण भारत की रणनीतिक स्थिति बेहद महत्वपूर्ण है। भारत एशिया और प्रशांत सागर को जोड़ने वाले व्यापारिक मार्ग को जोड़ता है। भारत ने इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की है और दुनिया उसकी ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। भारत लगातार अपनी सेना (Indian Army) को आधुनिक बना रहा है।
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