भारतीय सेना (Indian Army) में शामिल होगा ‘रोबोट दस्ता’, जानिए क्या है खासियत

भारतीय सेना (Indian Army) आतंक के सर्वनाश के लिए पूरी तैयार है। इस बार आतंकियों को जवाब देने के लिए सेना को वह ब्रह्मास्त्र मिलने वाला है, जिसका तोड़ आतंकियों के पास है ही नहीं।

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देश का पहला एंटी टेरर रोबोट सेना में शामिल होने वाला है, जिसका नाम है 'दक्ष'।

भारतीय सेना (Indian Army) आतंक के सर्वनाश के लिए पूरी तैयार है। इस बार आतंकियों को जवाब देने के लिए सेना को वह ब्रह्मास्त्र मिलने वाला है, जिसका तोड़ आतंकियों के पास है ही नहीं। दरअसल, देश का पहला एंटी टेरर रोबोट सेना में शामिल होने वाला है, जिसका नाम है ‘दक्ष’।

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रोबोट आर्मी (फाइल फोटो)।

इसे एंटी टेरर ऑपरेशन्स को अंजाम देने में महारत हासिल होगी और ऐसे एक दो नहीं बल्कि पांच सौ से ज्यादा रोबोट्स इस महीने के अंत तक भारतीय सेना (Indian Army) में शामिल होने वाले हैं। ये रोबोट आतंकियों के गुप्त ठिकाने में घुसकर न केवल उनकी सही स्थिति बताएंगे बल्कि उसे तबाह भी करने में भी सक्षम होंगे। ये रोबोट आतंक प्रभावित क्षेत्रों में सेना की आतंकरोधी यूनिट और सुरक्षाबलों के लिए सहायक सिद्ध होंगे। इसके साथ ही भारतीय सेना (Indian Army) को पूरी तरह से हाईटेक बनाने के कार्य में भी गति आ जाएगी।

इतना ही नहीं दुश्मन की घुसपैठ को विफल बनाने और पाकिस्तानी सेना के हमलों को नाकाम बनाने के लिए यह रोबोट काफी कारगर सिद्ध होंगे। रक्षा मंत्रालय पहले चरण में 550 रोबोटिक्स सर्वेलांस यूनिट खरीद रहा है और इन्हें जल्द भारतीय सेना (Indian Army) को सौंपने की तैयारी है। अधिकारियों ने बताया कि यह रोबोट किसी भी आतंकरोधी अभियान के दौरान आतंकियों पर हमला भी करने में सहायक होंगे। सुरक्षा बलों के लिए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सबसे बड़ी चुनौती उनकी सही संख्या और उन के पास उपलब्ध हथियारों की पूरी जानकारी लेने की होती है।

क्या है खासियत:

ये रोबोट्स वीडियोग्राफी के माध्यम से आतंकियों की सही लोकेशन पता करने में मदद करेंगे। प्रत्येक यूनिट में एक लांचिंग सिंस्टम, एक ट्रांसमिशन सिस्टम और दिन-रात तस्वीरें लेने में समर्थ एचडी कैमरा भी होगा। यह किसी भी मकान या इमारत से करीब 200 मीटर की दूरी तक स्पष्ट वीडियो फुटेज भी भेज सकते हैं। यह रिमोट नियंत्रण रेखा पर निगरानी और फिर उसके आसपास ऐसी किसी जगह पर छानबीन कर सकते हैं जहां घुसपैठियों या पाकिस्तान के बैट दस्ते के छिपे होने की आशंका हो। ये आतंकरोधी अभियानों में सुरक्षाबलों को होने वाले नुकसान से भी बचाएंगे। इनमें इतनी स्पीड है कि जवाबी कार्रवाई के लिए 360 डिग्री घूमकर भी निशाना बना सकते हैं। इसके अलावा किसी जगह विशेष की वीडियोग्राफी करके वहां के हालात के बारे में तुरंत अपडेट करने की दक्षता इसमें है। यह रोबोट सीढ़ी चढ़ने, बम धमाकों व गोलाबारी के दौरान लगने वाले झटकों को सहने में समर्थ हैं। ये लड़ाकू रोबोट पानी के नीचे 20 मीटर की गहराई तक भी काम कर सकते हैं। पानी के भीतर से ही यह ग्रेनेड को निर्धारित लक्ष्य पर दाग कर वहां से तुरंत लौट सकते हैं।

ऐसे में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की हर चाल से निपटने में सेना की अग्रिम पंक्ति के लड़ाके साबित हो सकते हैं। रोबोटिक्स सर्वेलांस यूनिट को संचालित करने के लिए सैन्याधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना है। सेना की प्रत्येक बटालियन में सात से आठ अधिकारियों व जवानों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। भारतीय सेना (Indian Army) के अधिकारियों के मुताबिक, अगले चरण में सेना दुश्मन के घर में घुसकर मार करने में सक्षम रोबोटिक युद्धक वाहन (आरसीवी) खरीदने पर भी विचार कर रही है। रिमोट से संचालित होने वाले युद्धक वाहन भारतीय सेना भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत को और आधार देंगे। लक्ष्य है कि साल 2030 तक भारतीय सेना भारतीय सेना (Indian Army) को दुनिया की सबसे घातक और समर्थ सेना बनाया जाए। ये रोबोट करीब 25 साल तक सेवा में उपलब्ध रहेंगे। सबसे पहले इन्हें जम्मू-कश्मीर के आतंक प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।

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