Indian Army operations in Jammu and Kashmir include security operations and social responsibilities.
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर चीन से जारी विवाद के बीच भारतीय सेना (Indian Army) को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सेना को जहां नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान की दिशा से हो रही गोलाबारी का माकूल जवाब व आतंकी घुसपैठ को रोकने में पूरा दमखम लगाना पड़ रहा है, वहीं घाटी से लापता हो रहे युवकों ने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर रखी है।
जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में सेना (Indian Army) पर हमला, जवाबी कार्रवाई के बाद भागे आतंकी
सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में इस साल अभी तक 80 नौजवान घर से लापता हो चुके हैं, जिनमें अधिकतर के बारे में जानकारी मिली कि उन्होंने आतंकवाद का रास्ता अपना लिया है। कम उम्र के बच्चों के घर से भागने के मामले सबसे अधिक दक्षिण कश्मीर के बताए गए हैं।
भारतीय सेना (Indian Army) की 15वीं कोर के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल के मुताबिक सेना व सुरक्षाबलों को जहां आतंकवाद से भी जूझना पड़ रहा है, वहीं घर से भाग रहे नौजवानों पर रोक न लग पाने के कारण भी एक बड़ी चिंता बनी हुई है। सेना ने लापता हुए नौजवान के आतंकी बनने अथवा मुठभेड़ में मारे जाने के बाद कांटेक्ट ट्रेसिंग की मुहिम तेज कर दी है, ताकि घर से भागे नौजवानों के घरों तक पूरी जानकारी के साथ बातचीत की जा सके।
सेना जहां नौजवानों को घाटी (Jammu Kashmir) में आतंकवाद के लिए गुमराह होने से पहले काउंसलिंग के जरिए उनको मुख्यधारा से जुड़े रहने की कोशिश में लगी है, वहीं जो नौजवान पेन-पेंसिल व किताब छोड़कर आतंकी बन चुके हैं, उनसे जुड़ी पूरी जानकारी एकत्र कर उन्हें वापस घर लौटने के लिए अपील भी कर रहे हैं। सेना (Indian Army) को अभी तक अपेक्षाकृत कामयाबी नहीं मिली है। फिर भी सेना (Indian Army) बड़े धैर्य के साथ घर से लापता होने वाले नौजवानों को आतंकी बनने से रोकने के लिए लगातार अपनी कवायद जारी रखे हुए है।
इसी कोशिश में दक्षिण कश्मीर का एक नौजवान माजिद जो कि घर से भागकर आतंकी बन गया था, उसे किसी जरिए कांटेक्ट करके काउंसलिंग से वापस मुख्यधारा में लाया गया। यह नौजवान जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से बाहर किसी राज्य में अब उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहा है। सेना (Indian Army) ने इसी कोशिश में पिछले सप्ताह अनंतनाग जिले में कम्युनिटी रेडियो सर्विस की शुरुआत की, जिसमें कश्मीरी और उर्दू भाषा में सूफियाना कार्यक्रम को प्रसारित किया जा रहा है, वहीं नौजवानों की फरमाइश पर उनके मनमाफिक गीत भी सुनाए जा रहे हैं।
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