
सांकेतिक तस्वीर
भारतीय सेना (Indian Army) ने कहा, ‘कोष को उन नागरिकों के लिए खोला गया था जो घायल जवानों और उनके परिजनों की मदद करना चाहते हैं। इस समय भी इस फंड का इस्तेमाल इसीलिए किया जा रहा है। बता दें कि फरवरी 2016 में रक्षा मंत्रालय ने भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग (ईएसडब्ल्यू) के तहत एबीसीडब्ल्यूएफ का गठन किया था।’
भारतीय सेना (Indian Army) ने हथियारों की खरीद के लिए उड़ाई जा रही अफवाहों पर अपना पक्ष सामने रखा है। दरअसल सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहें उड़ाई जा रही थीं कि सेना को हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए दान दिया जा सकता है।
इस पर भारतीय सेना ने साफ तौर पर कहा है कि सोशल मीडिया पर चल रहीं इस तरह की खबरें बिल्कुल गलत हैं।
Reports in social media on donations to Armed Forces Battle Casualties Welfare Fund for purchase of weapons & equipment are not true: Indian Army
(1/2) pic.twitter.com/10TGLRGQL8— ANI (@ANI) August 26, 2020
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भारतीय सेना ने कहा, ‘कोष को उन नागरिकों के लिए खोला गया था जो घायल जवानों और उनके परिजनों की मदद करना चाहते हैं। इस समय भी इस फंड का इस्तेमाल इसीलिए किया जा रहा है।’
बता दें कि फरवरी 2016 में रक्षा मंत्रालय ने भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग (ईएसडब्ल्यू) के तहत एबीसीडब्ल्यूएफ का गठन किया था। ये गठन इसलिए किया गया था क्योंकि 2016 में सियाचिन में हिमस्खलन हुआ था और इसमें 10 सैनिक बर्फ में दब गए थे। इस दौरान सैनिकों के परिजनों की मदद के लिए बड़ी संख्या में लोगों के द्वारा आर्थिक सहयोग की पेशकश की गई थी।
एबीसीडब्ल्यूएफ का गठन जुलाई 2017 में किया गया था। अप्रैल 2016 में पूर्वव्यापी रूप से इसे लागू कर दिया गया था।
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