दुश्मनों की अब खैर नहीं, भारतीय सेना में शामिल हुईं सिग साउर (Sig Sauer) असॉल्ट राइफल्स

भारतीय सेना (Indian Army) को 10 हजार सिग सउर रायफल्स मिल गई हैं। इन अत्याधुनिक राइफलों का प्रयोग जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियान में किया जाएगा। नई सिग साउर (Sig Sauer) असॉल्ट राइफल्स अमेरिका की बनी हैं।

Sig Sauer

भारतीय सेना (Indian Army) को 10 हजार सिग सउर रायफल्स मिल गई हैं।

भारतीय सेना (Indian Army) को 10 हजार सिग सउर रायफल्स मिल गई हैं। इन अत्याधुनिक राइफलों का प्रयोग जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियान में किया जाएगा। नई सिग साउर (Sig Sauer) असॉल्ट राइफल्स अमेरिका की बनी हैं। बता दें कि भारत ने अपने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को अधिक सक्षम बंदूकों से लैस करने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत 72,000 राइफलों के निर्माण का ऑर्डर दिया है।

Sig Sauer
सिग साउर (Sig Sauer) असॉल्ट राइफल।

सूत्रों के मुताबिक, दस हजार सिग साउर (Sig Sauer) राइफल्स की पहली खेप अमेरिका से भारत आ चुकी है। इन राइफल्स को जम्मू-कश्मीर में तैनात भारतीय सेना (Indian Army) के उत्तरी कमांड को सौंप दिया गया है। उत्तरी कमान पर ही जम्मू और कश्मीर में आंतक विरोधी ऑपरेशन्स चलाने के साथ सरहद पार से घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी है। दस हजार की एक और खेप जल्दी ही भारत आएगी। सेना के लिए हथियार आपूर्ति की प्रक्रिया फास्ट ट्रैक करने के तहत भारत ने अमेरिका के साथ इस साल फरवरी में करीब 72,000 असॉल्ट राइफल्स खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस खरीद पर 700 करोड़ रुपए खर्च होने हैं।

इन राइफल्स की आपूर्ति अमेरिकी हथियार निर्माता सिग सउर (Sig Sauer) द्वारा की जा रही है। एक साल के भीतर बाकी के रायफल्स भी भारतीय सेना को सौंप दिए जाएंगे क्योंकि, इन रायफलों के लिए अनुबंध फास्ट-ट्रैक खरीद (एफटीपी) के तहत किया गया है। इनमें से 66 हजार राइफलें भारतीय सेना (Indian Army)  के लिए हैं। जबकि 2 हजार रायफलों को भारतीय नौसेना और 4 हजार रायफलों को भारतीय वायु सेना को सौंपा जाएगा। सिग सउर (Sig Sauer) SIG716 7.62×51 मिमी असॉल्ट राइफलें भारत में निर्मित 5.56×45 मिमी इंसास राइफलों की जगह लेंगी। अभी INSAS राइफल से मध्यम 5.56×45 mm कारतूस ही दागे जा सकते हैं।

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दोनों असॉल्ट राइफल्स में यह बड़ा अंतर है। सिग 716 राइफल में अधिक ताकतवर 7.62x51mm कारतूस का इस्तेमाल होता है। भारतीय सेना की स्निपर राइफल्स के लिए गोलाबारूद की आपूर्ति मिलनी भी शुरू हो गई है। वेंडर्स को 21 लाख राउंड्स के ऑर्डर दिए गए हैं। सिग साउर (Sig Sauer) असॉल्ट राइफल्स के शामिल होने से भारतीय सेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी। क्योंकि, यह रायफल नजदीक से मार करने (क्लोज कॉम्बेट) और दूर से मार करने वाली रायफलों की श्रेणी की सबसे उन्नत तकनीक से लैस है। पाकिस्तान और चीन से बढ़ते खतरों को देखते हुए भारतीय सेना (Indian Army)  को फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया के तहत करना पड़ा है।

इस राइफल के जुड़ने से जम्मू और कश्मीर में जहां आतंकवाद से लड़ाई में सेना को और ताकत मिलेगी वहीं नियंत्रण रेखा (LoC) पार से पाकिस्तानी सेना की नापाक हरकतों का और असरदार ढंग से जवाब दिया जा सकेगा। भारतीय सेना को ऐसी राइफल की जरूरत थी जो ज्यादा बड़े और मारक कारतूस दाग सके। सिग सउर (Sig Sauer) के अलावा भारतीय सेना (Indian Army)  सात लाख से अधिक AK 203 असॉल्ट राइफलों को भी शामिल करने की तैयारी में है। इनका उत्पादन भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम में होना है।

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