Indian Army के डॉक्टरों ने रचा इतिहास, 16 हजार फीट की ऊंचाई पर किया जवान का ऑपरेशन

भारतीय सेना (Indian Army) के तीन डॉक्टरों ने 16 हजार फीट की ऊंचाई पर एक जवान का इलाज कर इतिहास रचा है। डॉक्टर्स ने पूर्वी लद्दाख के फॉरवर्ड सर्जिकल सेंटर पर तैनात सैनिक का सफल ऑपरेशन कर अपेंडिक्स (Appendix) निकाला है।

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भारतीय सेना (Indian Army) के तीन डॉक्टरों ने 16 हजार फीट की ऊंचाई पर एक जवान का इलाज कर इतिहास रचा है।

लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाके में तैनात Indian Army के एक जवान को अपेंडिक्स की समस्या थी। 28 अक्टूबर को उसको लाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से उसे वहां से निकाला नहीं जा सका।

भारतीय सेना (Indian Army) के तीन डॉक्टरों ने 16 हजार फीट की ऊंचाई पर एक जवान का इलाज कर इतिहास रचा है। डॉक्टर्स ने पूर्वी लद्दाख के फॉरवर्ड सर्जिकल सेंटर पर तैनात सैनिक का सफल ऑपरेशन कर अपेंडिक्स (Appendix) निकाला है। दरअसल, सैनिक को चॉपर की मदद से निकाला नहीं जा सकता था। यही कारण है कि डॉक्टर्स को इतनी ऊंचाई पर पहुंचकर सर्जरी करनी पड़ी।

दरअसल, लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाके में तैनात एक जवान को अपेंडिक्स की समस्या थी। 28 अक्टूबर को उसको लाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से उसे वहां से निकाला नहीं जा सका।

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इसके बाद सेना (Indian Army) की सर्जिकल टीम ने कुछ घंटों की मेहनत के बाद उसका सफल ऑपरेशन किया, जिसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल, एक मेजर और एक कैप्टन (सभी डॉक्टर) शामिल थे। यह सर्जरी 28 अक्टूबर बुधवार को की गई थी। लद्दाख जैसे इलाके में विषम परिस्थितियों में किए गए इस ऑपरेशन को सेना के डॉक्टरों की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक जिस जगह पर जवान का ऑपरेशन हुआ वो समुद्र तल से 16 हजार फीट ऊंचा है। इसके अलावा वहां का तापमान भी इन दिनों शून्य के करीब है। ऐसे मे एक फॉरवर्ड सर्जिकल सेंटर में बड़ी इमरजेंसी सर्जरी करना सेना के डॉक्टरों के लिए बड़ी कामयाबी है। यह फॉरवर्ड एरिया में किए गए बड़े ऑपरेशन्स में ये एक है।

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आर्मी (Indian Army) के सूत्रों के मुताबिक, “फील्ड अस्पताल की एक सर्जिकल टीम ने 16 हजार फीट की ऊंचाई पर फॉरवर्ड सर्जिकल सेंटर में तैनात सैनिक के अपेंडिक्स हटाने के लिए इमरजेंसी सर्जरी (Emergency Surgery) की है।” उन्होंने बताया कि बुरे हालात का सामना करने के बावजूद डॉक्टर्स ने सर्जरी की और ऑपरेशन सफल हुआ। फिलहाल जवान की हालत अब स्थिर है।

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बता दें कि सीमा पर मौसम खराब होता जा रहा है। पूर्वी लद्दाख के हालात में सियाचिन (Siachen) से अलग नहीं हैं। हालांकि, यहां का पारा (Temperature) सियाचिन जितना नीचे नहीं होता है। पूर्वी लद्दाख में सर्दियों के मौसम में पारा माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। जबकि, सियाचिन में 76 वर्ग किमी के इलाके में यह आंकड़ा माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है।

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