चीन के खिलाफ भारतीय सेना की जबरदस्त कार्रवाई, अमेरिकी मीडिया में भी हो रही तारीफ

चीन की दादागिरी के खिलाफ भारतीय सेना (Indian Army) जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की है। इसके बाद से अमेरिकी मीडिया में भी भारत की प्रशंसा हो रही है।

Indian Army

फाइल फोटो।

भारतीय सेना (Indian Army) के ऊंचाई वाले इलाकों में कब्‍जा करने के बाद अब चीन सकते में आ गया है। वहीं उसके सैनिकों को पीछे हटना पड़ा।

चीन की दादागिरी के खिलाफ भारतीय सेना (Indian Army) जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की है। इसके बाद से अमेरिकी मीडिया में भी भारत की प्रशंसा हो रही है। अमेरिकी पत्रिका ‘न्‍यूज वीक’ में स्‍तंभकार गॉर्डन जी चांग ने लिखा कि भारत ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को जोरदार पटखनी दी है और अब हमें शी जिनपिंग (Xi Jinping) के अगले कदम की ओर नजर रखना होगा।

गॉर्डन ने कहा कि चीन का क्रूर सफाई अभियान अब आने वाला है। शी जिनपिंग पहले ही ‘सुधार’ अभियान चला रहे हैं और अपने विरोधियों को दंडित करने में जुटे हुए हैं। हालांकि, भारतीय सेना (Indian Army) के जवाबी कार्रवाई अब शी जिनपिंग का भविष्‍य खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है। उन्‍होंने कहा कि लद्दाख में घुसपैठ की यह पूरी योजना शी जिनपिंग और उनकी सेना ने बनाई थी लेकिन यह बुरी तरह से फ्लाप रही है।

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गॉर्डन ने इस लेख में कहा कि इस असफलता के बाद अब शी जिनपिंग सेना में अपने विरोधियों पर गाज गिराएंगे और उनकी जगह अपने समर्थक लाएंगे। सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि चीन की तीनों सेनाओं के प्रमुख शी जिनपिंग भारत के खिलाफ एक और आक्रामक कार्रवाई कर सकते हैं। गॉर्डन ने बताया कि जब से शी जिनपिंग ने सत्‍ता संभाली है, तब से भारत में चीनी सेना की घुसपैठ बढ़ गई है।

गॉर्डन ने आगे लिखा कि गलवान हिंसा में चीन के कम से कम 43 सैनिक मारे गए और यह दोनों के बीच पिछले 45 साल में सबसे घातक संघर्ष था। चीनी सैनिकों के मारे जाने की संख्‍या 60 तक हो सकती है। हालांकि चीन अपनी इस हार को स्‍वीकार नहीं करेगा। उन्‍होंने कहा कि भारतीय सेना (Indian Army) के ऊंचाई वाले इलाकों में कब्‍जा करने के बाद अब चीन सकते में आ गया है। वहीं उसके सैनिकों को पीछे हटना पड़ा।

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अमेरिकी विश्‍लेषक ने कहा कि चीनी चाहकर भी भारतीय सैनिकों (Indian Army) के कदम का तोड़ नहीं तलाश पा रही है। उन्‍होंने कहा क‍ि चीनी सेना (PLA) ने भले ही लद्दाख में घुसपैठ की है लेकिन वह जंग में कितना प्रभावी होगी यह देखना होगा। चीनी सेना ने आखिरी लड़ाई वर्ष 1979 में लड़ी थी। वियतनाम के साथ इस जंग में चीनी सेना को हार का मुंह देखना पड़ा था।

उन्‍होंने कहा क‍ि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अभी काफी प्रशिक्षित है और हथियारों से लैस है लेकिन उतना प्रभावी नहीं है। भारतीय सैनिक अब और ज्‍यादा आक्रामक होकर अपनी रक्षा कर रहे हैं।

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वहीं, हांगकांग के सैन्य विशेषज्ञ सांग झोंगपिंग ने भी चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की पोल खोला है। सांग झोंगपिंग ने कहा कि चीन ने अपनी सेना की अलग-अलग इकाइयों से पैराशूट ट्रेनिंग के लिए स्पेशल फोर्स को बुलाया है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि चीन संभावित युद्ध की तैयारी कर रहा है। उधर, भारतीय फौज (Indian Army) पहले से ही माउंटेन वॉरफेयर और ऊंचाईयों पर युद्ध लड़ने में माहिर है।

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उन्होंने चीनी सेना (PLA) की पोल खोलते हुए कहा कि उनके सैनिक इस इलाके में रहने के आदि नहीं हैं। अगर अत्याधिक ऊंचाई वाले इलाके में एयरड्राप किया गया तो पतली हवा होने के कारण इन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। यहां तैनात हथियारों को भी ऊंचाई और परिस्थिति के हिसाब से चीनी सेना को ढालना पड़ेगा।

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