भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ी, बोइंग ने सौंपे बाकी बचे अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर

भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को सभी अपाचे हेलिकॉप्टर (Apache Helicopter) और चिनूक हेलिकॉप्टर (Chinook Helicopter) मिल गए हैं।

Indian Air Force

भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को पांच और अपाचे हेलिकॉप्टर (Apache Helicopter) मिल गए हैं। इसके साथ ही अब भारतीय वायुसेना के पास सभी 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर परिचालन के लिए तैयार हैं। साथ ही चिनूक हेलिकॉप्टर (Chinook Helicopter) भी भारतीय वायुसेना को मिल चुके हैं।

अमेरिकी कंपनी बोइंग ने डील के मुताबिक भारत को सभी अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर सौंप दिए हैं। 22 में से पांच अंतिम अपाचे हेलिकॉप्टर AH64-E और 15 में से पांच चिनूक हेलिकॉप्टर 10 जुलाई को भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को हिंडन एयरबेस पर मिले।

बोइंग ने एक बयान में कहा कि 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर (Apache Helicopter) के अंतिम पांच हेलिकॉप्टर हिंडन एयरबेस पर वायुसेना (Indian Air Force) को सौंपे गए हैं। इसके अलावा चिनूक हेलिकॉप्टर (Chinook Helicopter) की डिलीवरी भी कर दी गई है। भारत के अलावा 16 अन्य देश अपाचे हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं। भारत के पास इसका सबसे उन्नत वर्जन AH-64E है।

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अमेरिकी सेना भी इसका इस्तेमाल करती है। इसमें नेविगेशन, उन्नत हथियारों को ले जाने की क्षमता, नई संचार प्रणाली, ओपन सिस्टम आर्किटेक्चर की सुविधा है। अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर (Apache Helicopter) 350 किमी/ प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार से उड़ान भर सकता है। खासतौर से यह माउंटेन वॉर फेयर के लिए बहुत बेहतरीन है। पिछले साल ही इसे वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया।

पूरी दुनिया में अपनी मारक क्षमता के लिए मशहूर है अपाचे हेलिकॉप्टर (Apache Helicopter)। इसमें आधुनिक टारगेट एक्विजिशन डेसिग्नेशन सिस्टम है जो मौसम की जानकारी भी देता रहता है। इसमें अंधेर में देखने की क्षमता भी है जो कि सेना के लिए बहुत मददगार है। समुद्र के ऊपर उड़ान भरने और ऑपरेशन करने में भी यह सक्षम है। वर्तमान में अपाचे हेलिकॉप्टर लद्दाख में सेना का हिस्सा हैं।

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वहीं, दुनियाभर में 20 देशों की सेनाएं चिनूक हेलिकॉप्टर (Chinook Helicopter) की सेवाएं लेती हैं। यह विश्व का सबसे अधिक विश्वसनीय और क्षमतापूर्ण हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर है। 50 साल से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। ज्यादा ऊंचाई या फिर गर्म जगहों पर भी यह सफलतापूर्व उड़ान भर सकता है और अपने काम को अंजाम दे सकता है।

इसमें मॉडर्न एयरफ्रेम, कॉमन एवियोनिक्स आर्किटेक्चर सिस्टम कॉकपिट और डिजिटल ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम होता है। चिनूक हेलिकॉप्टर की क्षमता और तकनीक के मदद से भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) अपने अभियानों को आसानी से पूरा कर सकती है। यह हर मौसम में अभियान को सफल बनाने की क्षमता रखता है।

बता दें कि पिछले साल सितंबर में अपाचे हेलिकॉप्टर का पहला बैच भारत को मिला था। इसमें आठ अपाचे हेलिकॉप्टर (Apache Helicopter) शामिल थे। वायुसेना (Indian Air Force) ने 2015 में 22 हेलिकॉप्टर्स की खरीद के लिए अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ सौदा किया था। पाकिस्तान और चीन पर नजर रखने के लिए अपाचे हेलिकॉप्टर्स को पंजाब के पठानकोट और जोरहाट एयरबेस पर तैनात किया जाना है।

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