एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में बोले रक्षामंत्री- किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहे वायुसेना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने एयर फोर्स (Indian Air Force) कमांडरों की कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। 22 जुलाई से 24 जुलाई तक 3 दिनों तक चलने वाले इस कॉन्फ्रेंस में एलएसी (LAC) पर चीन के साथ चल रहे तनाव, एयर फोर्स की तैयारियों को लेकर चर्चा होगी।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने एयर फोर्स (Indian Air Force) कमांडर्स कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया।

Indian Air Force: चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (Air Force Commander’s Conference) का उद्घाटन किया। 22 जुलाई से 24 जुलाई तक 3 दिनों तक चलने वाले इस कॉन्फ्रेंस में एलएसी (LAC) पर चीन के साथ चल रहे तनाव, एयर फोर्स की तैयारियों को लेकर चर्चा होगी।

एयर फोर्स के हेडक्वॉर्टर वायु भवन में हो रहे इस कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (Air Force Commander’s Conference) की थीम ‘अगले दशक में भारतीय वायुसेना’ है। अगले दशक में इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) की ऑपरेशनल क्षमताओं में इजाफे की योजना को लेकर भी इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी। कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर फोर्स के कमांडरों को संबोधित भी किया।

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यहां रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने लद्दाख में वायुसेना (Indian Air Force)के रोल की खुलकर तारीफ की और कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। अगर भारत-चीन के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो वायुसेना को शार्ट नोटिस पर ही सभी तैयारी कर लेनी है।

रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर बताया, ‘आज एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (Air Force Commander’s Conference) के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में इंडियन एयर फोर्स की भूमिका का पूरा देश सम्मान करता है। कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में उनका योगदान बहुत ही तारीफ के लायक है।’

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रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की तत्परता और सीमाओं की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों की तारीफ की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना के कमांडरों से कहा कि सशस्त्र बलों को शॉर्ट नोटिस पर जवाब देने के लिए तैयार रहने के साथ-साथ लंबे समय में किसी भी हमले को रोकने के लिए सैन्य क्षमताओं को बनाए रखने की जरूरत है।

इसके अलवा, 29 जुलाई को राफेल फाइटर जेट के आगमन से पहले राफेल की तैनाती पर चर्चा हुई, जिसका उपयोग लद्दाख में परिचालन के लिए किया जा सकता है।

गौरतलब है कि मई में भारत और चीन के बीच तनाव की शुरुआत हुई थी। लद्दाख सीमा पर चीन के साथ तनाव के समय वायुसेना (Indian Air Force)ने अहम रोल अदा किया है। भारतीय वायुसेना ने अपने फाइटर जेट्स और अटैकिंग हेलिकॉप्टर जैसे अपाचे की तैनाती एलएसी पर कर दी थी। इसके साथ ही वायुसेना ने जवानों और जरूरी हथियारों को एयर लिफ्ट किया था।

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