भारत ने चीन को सुनाई खरी-खरी, कहा- देश की अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के लिए भारतीय और चीनी सेना के शीर्ष कमांडरों के बीच पांचवें दौर की बातचीत के दौरान भारत ने चीन को साफ शब्दों में कह दिया है कि वह देश की अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।

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फाइल फोटो।

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के लिए भारतीय और चीनी सेना के शीर्ष कमांडरों के बीच पांचवें दौर की बातचीत के दौरान भारत ने चीन को साफ शब्दों में कह दिया है कि वह देश की अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। 2 अगस्त को करीब 11 घंटे तक चली इस बातचीत के दौरान भारत ने पैंगोंग सो और टकराव वाले अन्य इलाकों से जल्द से जल्द चीनी सैनिकों की पूरी तरह से वापसी को लेकर भी दबाव बनाया।

इस मामले के जानकार सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक एलएसी (LAC) पर चीन की तरफ माल्डो में सुबह 11 बजे शुरू हुई और रात 10 बजे के बाद तक जारी रही। भारतीय दल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया। जबकि, चीनी दल का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लिउ लीन कर रहे थे।

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सूत्रों के अनुसार, बातचीत में भारत की ओर से पैंगोंग सो के फिंगर इलाके से लेकर टकराव वाले सभी क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की यथाशीघ्र पूर्ण वापसी और पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले वाली स्थिति की बहाली पर जोर दिया गया।

बता दें कि पांच मई को दोनों तरफ के सैनिकों के बीच पैंगोंग शो में संघर्ष शुरू हुआ था। गौरतलब है कि इससे पहले कोर कमांडर स्तर की बातचीत 14 जुलाई को हुई थी, जो करीब 15 घंटे तक चली थी। उस समय भी भारतीय पक्ष ने पीएलए (PLA) को स्पष्ट तौर पर बता दिया था कि उसे पूर्वी लद्दाख में पहले की स्थिति बरकरार रखना होगा और शांति बहाल करने के लिए सीमा प्रबंधन के संबंध में उन सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, जिनपर परस्पर सहमति बनी है।

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पिछली वार्ता के बाद चीनी सेना गलवान घाटी (Galwan Valley) और टकराव वाले कुछ क्षेत्रों से पीछे भी हटी थी। लेकिन भारतीय सेना (Indian Army) की मांग के मुताबिक, चीनी सेना पैंगोंग शो में फिंगर क्षेत्र से नहीं हटी थी। भारत ने स्पष्ट कर दिया कि चीन को फिंगर चार और फिंगर आठ के बीच से अपने सैनिकों को हटाना ही होगा। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। इस क्षेत्र में फिंगर इलाके के साथ ही पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15, 17 और 17ए को लेकर टकराव है।

चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर की बातचीत के साथ ही भारत पूर्वी लद्दाख के सभी प्रमुख मोर्चो पर अपनी सैन्य ताकत को मजबूत भी कर रहा है, ताकि चीन के किसी भी तरह के दुस्साहस का माकूल जवाब दिया जा सके। इस इलाके में लंबे समय तक बने रहने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

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