सावधान ड्रैगन! एक भी गलती तुम पर पड़ेगी भारी, चीन सीमा पर भारत ने तैनात की दुनिया की सबसे घातक क्रूज मिसाइल

चीन से किसी भी स्थिति में निपटने के लिए भारत ने भी किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सुपरसोनिक ब्रह्मोस (BrahMos Missile), सबसोनिक निर्भय और आकाश को तैयार कर लिया है।

BrahMos Missile

BrahMos Missile

भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में महीनों से चले आ रहे सीमा विवाद की वजह से किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) ने पूरी तैयारी कर ली है। सेना ने लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर सैनिकों की बड़ी संख्या में तैनाती कर रखी है। इस बीच, सेना ने 500  किलोमीटर रेंज वाली ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल (BrahMos Missile), सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल और 800 किलोमीटर की रेंज वाली निर्भय मिसाइल को भी तैयार रखा है।

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वहीं, पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड ने लद्दाख गतिरोध शुरू होने के बाद तिब्बत और शिनजियांग में 2,000 किमी रेंज वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और हथियारों को तैनात किया था। इस मामले से परिचित लोगों ने बताया कि भारत ने भी किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सुपरसोनिक ब्रह्मोस (BrahMos Missile), सबसोनिक निर्भय और आकाश को तैयार कर लिया है। चीन की तैनाती कब्जे वाले अक्साई चीन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के काशगर, होटल, ल्हासा, निंगची की डेप्थ पॉजिशन तक है।

भारत के तैयार हथियारों में ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) शामिल है, जोकि हवा से हवा और हवा से सतह तक मार करने की क्षमता रखती है। 300 किलोग्राम के वॉरहेड वाली क्रूज मिसाइल के जरिए तिब्बत और शिनजियांग के एयरस्ट्रिप पर नजर रखी जा सकती है। ब्रह्मोस मिसाइल को लद्दाख सेक्टर में पर्याप्त संख्या में तैयार रखा गया है। इसके अलावा, ब्रह्मोस का इस्तेमाल भारत के द्वीप क्षेत्रों में अंडमान निकोबार एयर बेस का उपयोग करके हिंद महासागर में चोक पॉइंट बनाने के लिए किया जा सकता है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारतीय वायुसेना का कार निकोबार बेस एसयू -30 एयर एमकेआई के लिए सबसे शानदार लैंडिंग ग्राउंड है, जिसका एयर-टू एयर रिफ्यूलेर्स का उपयोग कर सकते हैं। यह इंडोनेशिया में मलक्का स्ट्रेट से सुंडा स्ट्रेट तक आने वाले किसी भी पीएलए युद्धपोत के खतरे से सुरक्षा प्रदान करता है।

 

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