Indian Army में Gorkha जवानों की भर्ती से नेपाल को ऐतराज, 1947 के समझौते को बताया ‘बेकार’

नेपाल की सरकार अब भारतीय सेना में गोरखा जवानों की भर्ती को लेकर हुए समझौते की समीक्षा करने जा रही है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदाप कुमार ज्ञावली ने भारत नेपाल के बीच 1947 में हुए इस समझौते को पूरी तरह बेकार करार दे दिया है।

Nepali Gorkha in Indian Army

नेपाल सरकार को नया शिगूफा, गोरखा जवानों की भर्ती से दिक्कत।

गोरखा सैनिक हमेशा से भारतीय सेना की शान रहे हैं। इनके लिए बाकायदा गोरखा रेजिमेंट भी है। इस रेजिमेंट की बहादुरी के किस्से दुनियाभर में मशहूर हैं।

भारत-नेपाल के बीच चल रहा तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा। चीन की शह पाकर नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली एक के बाद एक ऐसी हरकतें करते जा रहे हैं जो इस सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध में लगातार खटास पैदा कर रहा है। इसी कड़ी में नेपाल ने भारतीय सेना (Indian Army) की शान, गोरखा जवानों (Nepali Gorkha in Indian Army) को लेकर नया शिगूफा छोड़ा है।

नेपाल की सरकार अब भारतीय सेना में गोरखा जवानों की भर्ती (Nepali Gorkha in Indian Army) को लेकर हुए समझौते की समीक्षा करने जा रही है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदाप कुमार ज्ञावली ने भारत नेपाल के बीच 1947 में हुए इस समझौते को पूरी तरह बेकार करार दे दिया है। उनके मुताबिक, इस समझौते के कई प्रावधान संदिग्ध हैं।

ज्ञावली ने कहा कि भारतीय सेना में गोरखा जवानों की भर्ती (Nepali Gorkha in Indian Army) एक पुरानी रवायत है। नेपाल के जवानों के लिए देश से बाहर निकलने का जरिया हुआ करता था भारत। इससे नेपाली युवाओं को ढेरों नौकरियां भी मिलीं, लेकिन अब बदले परिदृश्य में कुछ प्रावधान संदिग्ध हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने 1947 में हुए त्रिपक्षीय समझौते को बेकार करार दे दिया।

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इंडियन आर्मी की शान गोरखा

आजादी के बाद से ही गोरखा सैनिक भारतीय सेना की शान रहे हैं। इनके लिए बाकायदा गोरखा रेजिमेंट भी है। इस रेजिमेंट की बहादुरी के किस्से दुनियाभर में मशहूर हैं। जंग के मैदान में अपनी खुखरी से दुश्मनों को पस्त करने वाले गोरखा जवानों के बारे में मशहूर है कि पहाड़ी इलाकों में उनका कोई सानी नहीं होता।

अपनी ही पार्टी के निशाने पर ओली

खास ये है कि चीन को खुश करने के लिए ओली जितनी ज्यादा कोशिशें कर रहे हैं, उतना ही उनका अपने ही देश में विरोध बढ़ रहा है। विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ उनकी अपनी पार्टी ही उन्हें निशाने पर ले रही है। सभी दल पीएम ओली पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं। नेपाल में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि शर्मा ने हाल में ‘कूटनीति के स्थापित मानकों के विपरीत’ ‘चिढ़ाने वाले’ भारत विरोधी बयान देकर तीन गलतियां की हैं।

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