मान जाओ… अभी भी वक्त है, नहीं तो मई तक हालात बद से बदतर हो जाएंगे- रिसर्च में दावा

भारतीय वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत के लिए यह जरूरी है कि वह देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के तेजी से फैलने से पहले ‘बेहद कड़े उपायों’ को अपनाए।

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वैज्ञानिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने चेतावनी दी है कि भारत में मई महीने के मध्य तक कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित पुष्ट मामलों की संख्या एक लाख से लेकर 13 लाख तक हो सकती है। शोधार्थियों की एक टीम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट ‘सीओवी–आईएनडी–19′ में कहा गया है कि महामारी के शुरुआती चरण में अमेरिका और इटली के मुकाबले भारत पॉजीटिव मामलों को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफल रहा है‚ लेकिन इस आकलन में एक जरूरी चीज छूट गई है और वह है इस वायरस (Coronavirus) से सचमुच में प्रभावित मामलों की संख्या।

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वैज्ञानिकों की इस टीम में अमेरिका के जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय की देबश्री रॉय भी शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह बात जांच के दायरे‚ जांच के नतीजों की सटीकता और उन लोगों की जांच पर निर्भर करती है जिनमें इस वायरस से संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं।

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उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अभी तक‚ भारत में जांच किए गए लोगों की संख्या तुलनात्मक रूप से बहुत कम है। व्यापक जांच नहीं होने की स्थिति में सामुदायिक स्तर पर संक्रमण को रोक पाना असंभव है।

भारतीय वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत के लिए यह जरूरी है कि वह देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के तेजी से फैलने से पहले ‘बेहद कड़े उपायों’ को अपनाए।’ गौरतलब है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात भारत में 21 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकड़ाउन की घोषणा की थी।

वैज्ञानिकों ने अपने विश्लेषण में 16 मार्च तक भारत में दर्ज मामलों से जुड़़े आंकड़़ों का इस्तेमाल किया। उन्होंने किसी एक समय पर संक्रमित संख्या का अनुमान लगाया और भारत के लिए लगाए गए उन अनुमानों की तुलना अमेरिका एवं इटली से की।

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