दक्षिण एशिया में चीन की दादागीरी खत्म करने के लिए भारत ने कसी कमर, जापान की मदद से होगी ड्रैगन की किलेबंदी

दक्षिण एशिया में ड्रैगन की नकेल कसने के लिए भारत और जापान (Japan) मिलकर काम करेंगे। दोनों की संयुक्त रणनीति चीन (China) के विस्तारवाद को रोकने की होगी।

India Japan alliance against China

India-Japan cooperation aim to contain China in south Asia

पाकिस्तान और चीन सीमा पर पिछले कई दिनों से लगातार चल रहे तनाव के बीच भारत (India) ने दक्षिण एशिया में चीन (China) की दादागिरी खत्म करने के लिए कमर कस ली है। चीन को चौतरफा घेरने की रणनीति के तहत भारत की नजर दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों पर है जहां चीन अपनी बादशाहत कायम करना चाहता है।

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दक्षिण एशिया में ड्रैगन की नकेल कसने के लिए भारत और जापान (Japan) मिलकर काम करेंगे। दोनों की संयुक्त रणनीति चीन (China) के विस्तारवाद को रोकने की होगी। दोनों देशों की संयुक्त रणनीति दक्षिण एशिया में चीन के वर्चस्व को खत्म करने की है। नई रणनीति के तहत दोनों देश मिलकर साउथ एशिया के देशों बांग्लादेश‚ श्रीलंका‚ म्यांमार आदि में मिलकर काम करेंगे। इसमें न केवल वहां की परियोजनाएं शामिल होंगी बल्कि आर्थिक निवेश से लेकर ढांचागत बुनियादी सुविधाएं खड़ा करना भी शामिल होगा।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार दोनों देशों ने मिलकर अन्य देशों में काम करने के व्यावहारिक पहलुओं पर काम करना शुरू कर दिया। इस रणनीति के तहत भारत और जापान (India Japan) मिलकर दक्षिण एशिया के छोटे देशों की विकास यात्रा में न केवल मजबूती के साथ भागीदारी करेंगे बल्कि उन्हें और आगे ले जाने में भी जुटेंगे।

इस योजना के तहत तीसरे देशों में समन्वय और सहयोग को और बढ़ाया जाएगा। भारत (India) की किलेबंदी को दक्षिण एशिया में चीन (China) के दबदबे को खत्म करने की काउंटर रणनीति माना जा रहा है। इससे दक्षिण एशिया में चीन की ताकत कम होगी। अभी चीन अपनी आर्थिक व सैन्य ताकत के बलबूते दक्षिण एशिया के छोटे देशों में अपनी बादशाहत कायम किए हुए। उसका इरादा इस क्षेत्र में अपना दबदबा बनाना है। पिछले दिनों भारत और जापान (Japan) के बीच हुआ सैन्य समझौता भी इसी रणनीति का एक बड़ा हिस्सा है।

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