भारत को पाकिस्तान से नहीं, ‘टेररिस्तान’ से बात करने में दिक्कत: विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में कहा है कि भारत को पाकिस्तान से नहीं, ‘टेररिस्तान’ से बात करने में दिक्कत है।

external affairs minister, s jaishankar, Pakistan, Terroristan, S Jaishankar, India Pakistan Talks, India Pakistan Dialogue, Kashmir Issue, Article 370, Jammu And Kashmir,पाकिस्तान, टेररिस्तान, एस जयशंकर, भारत पाकिस्तान वार्ता, भारत पाकिस्तान वार्ता, कश्मीर मुद्दा, अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर, sirf sach, sirfsach.in, सिर्फ सच

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में कहा है कि भारत को पाकिस्तान से नहीं, 'टेररिस्तान' से बात करने में दिक्कत है।

external affairs minister, s jaishankar, Pakistan, Terroristan, S Jaishankar, India Pakistan Talks, India Pakistan Dialogue, Kashmir Issue, Article 370, Jammu And Kashmir,पाकिस्तान, टेररिस्तान, एस जयशंकर, भारत पाकिस्तान वार्ता, भारत पाकिस्तान वार्ता, कश्मीर मुद्दा, अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर, sirf sach, sirfsach.in, सिर्फ सच
विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में कहा है कि भारत को पाकिस्तान से नहीं, ‘टेररिस्तान’ से बात करने में दिक्कत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिए आतंकवाद को एक पूरा उद्योग बना दिया है। जयशंकर न्यूयॉर्क में सांस्कृतिक संगठन ‘एशिया सोसाइटी’ की ओर से 24 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। विदेश मंत्री ने कहा, ”जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को भी निष्कासित कर दिया था।”

उन्होंने चीन ने कश्मीर की बदली स्थिति को एक गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा, ”संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए और सावधानी से काम करना चाहिए। खासकर ऐसी कार्रवाईयों से बचना चाहिए जो एकतरफा यथास्थिति को बदलता हो और तनाव को बढ़ाता हो।” जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, ”लेकिन हमें टेररिस्तान से बात करने में समस्या है और उन्हें सिर्फ पाकिस्तान बने रहना होगा, दूसरा नहीं।” जयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने का भारत की बाह्य सीमाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है।

पढ़ें: क्रैश हुआ एक और मिग-21 विमान, इस साल मिग क्रैश होने की तीसरी घटना

जयशंकर ने कहा, ”हमने इसमें अपनी मौजूदा सीमाओं में रहकर सुधार किया है। जाहिर तौर पर पाकिस्तान और चीन से प्रतिक्रियाएं आईं। दोनों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग थीं। मुझे लगता है कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिए वास्तव में समूचे आतंकवाद के उद्योग को रचा। मेरी राय में यह वाकई में कश्मीर से बहुत बड़ा मुद्दा है और मुझे लगता है कि उन्होंने इसे भारत के लिए तैयार किया है।” उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान को अब लगता है कि अगर यह नीति सफल हो जाती है तो 70 साल का उसका निवेश घाटे में पड़ जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, ”आज उनकी प्रतिक्रिया कई रूपों में गुस्से, निराशा के रूप में सामने आ रही है क्योंकि आपने लंबे समय से एक पूरा का पूरा आतंकवाद का उद्योग खड़ा किया है।” जयशंकर से जब यह पूछा गया कि पाकिस्तान ने इस पर काफी कुछ कहा है और उन्हें क्या लगता है कि पाकिस्तान क्या करेगा। इस पर उन्होंने कहा कि यह कश्मीर का मुद्दा नहीं है बल्कि उससे कहीं बड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना होगा कि उसने, जो मॉडल अपने लिए बनाए हैं वह लंबे समय तक काम नहीं करने वाले हैं। मुझे लगता है कि आज के समय में शासन के एक वैध साधन के रूप में आप आतंकवाद का इस्तेमाल करते हुए ऐसी नीतियां नहीं बना सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि कश्मीर पर बातचीत के लिए पूर्व की शर्त के तौर पर पाकिस्तान को क्या करना चाहिए, इस पर जयशंकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इसे गलत अर्थ में लिया जा रहा है। सबसे पहले तो पाकिस्तान को अपने स्तर पर कुछ बेहतर करना होगा। अगर वह ऐसा करता है तो इससे भारत के साथ पड़ोसी देश के संबंध सामान्य होंगे।’

पढ़ें: जैश-ए-मोहम्मद ने बदला लेने की धमकी दी, निशाने पर पीएम मोदी, अमित शाह और NSA डोभाल

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें