LAC पर चीन को मात देना हो जाएगा आसान, भारत कर रहा ये तैयारी

LAC पर चीन की हरकतों जवाब देने के लिए सीमा पर हर तरह से मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए भारत को उन इलाकों तक पहुंच बनाने की जरूरत है। इसलिए भारत लेह-लद्दाख के इन दुर्गम चोटियों तक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है।

LAC

फाइल फोटो।

भारत लेह-लद्दाख के इन दुर्गम चोटियों तक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में जुटा हुआ हौ। वैसे तो चीन खुद LAC के बिल्कुल पास में सड़क बना रहा है, लेकिन उसे भारत के सड़क बनाने पर आपत्ति है।

LAC पर चीन की हरकतों जवाब देने के लिए सीमा पर हर तरह से मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए भारत को उन इलाकों तक पहुंच बनाने की जरूरत है। इसलिए भारत लेह-लद्दाख के इन दुर्गम चोटियों तक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है। इसके तहत हिमाचल से लेह को जोड़ने वाली नई सड़क बनाई जा रही है।

ये वो सड़क है जिसका इस्तेमाल सेना साल में कभी भी कर सकती है और इसपर आसानी से हमला भी नहीं किया जा सकता है। वैसे तो चीन खुद LAC के बिल्कुल पास में सड़क बना रहा है, लेकिन उसे भारत के सड़क बनाने पर आपत्ति है। लेकिन भारत भी अपनी स्थिति मजबूत कर रहा श्रीनगर लेह मार्ग के अलावा अब दो-दो रास्ते बनाए जा रहे हैं।

Coronavirus: देश में संक्रमितों का आंकड़ा हुआ 55 लाख के करीब, 24 घंटे में आए 86,961 नए मामले

बता दें कि चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच, सीमा सड़क संगठन ने लेह और करगिल को जोड़ने वाली तीसरी सड़क का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। दारचा-पदम-नीमो सड़क हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के दारचा को कारगिल जिले के जंस्कार के पदम इलाके को जोड़ेगी। दारचा से पदम की दूरी करीब 148 किलोमीटर है।

पदम के बाद ये सड़क नीमो के रास्ते लेह मार्ग से जुड़ जाएगी। नीमो-पदम-दारचा रोड हर मौसम के लिए तैयार किया जा रहा है। साल के 365 दिन सेना के वाहन कभी भी लेह लद्दाख तक इस रास्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका मतलब है कि किसी भी समय भारतीय सेना हिमाचल के दारचा से लेह और कारगिल तक पहुंच सकती है।

भारत-चीन तनाव: लद्दाख में आज होगी चीनी सेना से बातचीत, भारत की तरफ से ये अधिकारी संभालेंगे कमान

बीआरओ (BRO) के मुताबिक, सड़क का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इस सड़क के पूरी तरह से एक्टिव होने पर सेना का समय भी बचेगा। पहले पुरानी सड़क से मनाली से लेह पहुंचने में लगभग 12-14 घंटे लगते थे, लेकिन इससे अब 6-7 घंटे ही लगेंगे। इस रास्ते की एक खास बात ये है कि ये LAC के बिल्कुल करीब ना होने की वजह से ये चीन और पाकिस्तान की पहुंच से दूर है और सेना यहां बिना किसी जोखिम के आवाजाही कर सकती है।

ये भी देखें-

सेना का साजो-सामान कारगिल और लेह तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। नीमो-पदम-दारचा रोड में निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। 258 किलोमीटर के इस सड़क प्रोजेक्ट की निगरानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कर रहे हैं। सामरिक महत्व वाले रास्ते पर दर्जनों छोटे और बड़े पुल का निर्माण किया गया है। इसके अलावा, यहां अटल टनल की तरह ही एक और बड़ा टनल बनाने की तैयारी की जा रही है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें