Galwan Valley
India China Border Tension: भारत चीन के बीच हुई सहमति के बाद गलवान घाटी (Galwan Valley) में तनाव को कम करने की कोशिश शुरू हो गई है। चीनी सेना अपने वाहन सहित बलवान घाटी पर झड़प वाली जगह से एक किलोमीटर पीछे हट गई है। सूत्रों के मुताबिक 22 जून को चीनी पक्ष ने आश्वासन दिया था कि वे सैनिकों को फ्रंट एरिया से डेप्थ एरिया में भेजेंगे। इस बारे में गलवान घाटी (Galwan Valley) में कुछ सैनिकों और वाहनों को उनके द्वारा वापस ले जाया गया।
On June 22, the Chinese side had given assurance that they will move back troops from front to the depth areas. In this regard, some troops and vehicles were moved back by them in the Galwan area: Sources pic.twitter.com/Eq13M3xsUX
— ANI (@ANI) June 25, 2020
गलवान घाटी (Galwan Valley) में झड़प के बाद यह पहली बार है, जब चीन की सेना पीछे हटी है। दरअसल पिछले कुछ दिन से चीन गलवान घाटी (Galwan Valley) पर दावा कर रहा है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि चीन के इस दावे के पीछे कोई तथ्य नहीं है।
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पेंगोंग सो और गलवान घाटी (Galwan Valley) के अलावा दोनों देश की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के देमचोक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी गतिरोध जारी है। बड़ी संख्या में चीनी सेना के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर भारत की ओर आ गए थे।
चीन ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर कई महत्वपूर्ण सेक्टरों पर सैनिकों की संख्या और हथियार दोनों बढ़ा दिए हैं। चीन ऐसे वक्त में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है जब दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीति वार्ता जारी है। दोनों देशों की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों की सोमवार को बैठक हुई जो करीब 11 घंटे चली और इस दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी कि वे पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष बिन्दुओं पर गतिरोध को धीरे-धीरे कम करेंगे।
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