भारत चीन विवाद: भारत की जिद के आगे झुका चीन, गलवान घाटी से अपने तंबू समेटकर वापस लौटी चीनी सेना

सेना सूत्रों के अनुसार गलवान घाटी (Galwan Valley) को वफर जोन बना दिया गया है ताकि इस क्षेत्र में दोनों सेनाओं का प्रवेश न हो सके और भविष्य में संघर्ष की आशंका न रहे। सूत्रों के मुताबिक अभी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। सैनिक पीछे हटे हैं लेकिन कितना पीछे हटे हैं यह वेरिफिकेशन के बाद कंफर्म हो पाएगा।

Galwan Valley

PM Narendra Modi and Xi Jinping Meeting Pic Courtesy: (PRAKASH SINGH/AFP/Getty Images)

India China Border Tension:  चौतरफा घेराबंदी के कारण दबाव में आए चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जो तनाव को कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चीनी सेना ने गलवान घाटी (Galwan Valley), हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट से सेना पीछे हटा दी है। गलवान घाटी (Galwan Valley) के जिस पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था, चीनी सेना ने वहां से अपने टेंट और ढांचे हटा दिए हैं लेकिन पेंगोंग त्सो के फिंगर 4 पर अभी डटी हुई है। चीनी सेना कितनी पीछे हटी है इसका वेरिफिकेशन किया जा रहा है। इसके बाद दूसरे चरण की यानी तनाव कम करने और फिर हथियारों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री की लद्दाख यात्रा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत के बाद चीनी सेना ने पीछे हटना शुरू किया है।

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भारतीय सेना सूत्रों के अनुसार चीनी सेना तीन मोर्चों से पीछे हटी है। गलवान घाटी (Galwan Valley), हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट से चीनी सेना और उसके बख्तरबंद वाहन पीछे हट गए हैं। उनके पीछे हटने का वेरिफिकेशन किया जा रही है। चीन ने गलवान घाटी (Galwan Valley) में बनाए टेंट और ढांचे भी हटाए हैं। सेना ने कहा कि 22 और 30 जून को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक में हुए समझौते के अनुसार चीनी सेना ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। गलवान घाटी (Galwan Valley) में ही दोनों सेनाओं के बीच खूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे जबकि चीन के 43 जवान मारे गए थे।

सेना सूत्रों के अनुसार गलवान घाटी (Galwan Valley) को वफर जोन बना दिया गया है ताकि इस क्षेत्र में दोनों सेनाओं का प्रवेश न हो सके और भविष्य में संघर्ष की आशंका न रहे। सूत्रों के मुताबिक अभी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। सैनिक पीछे हटे हैं लेकिन कितना पीछे हटे हैं यह वेरिफिकेशन के बाद कंफर्म हो पाएगा। 30 जून को कोर कमांडर स्तर की मीटिंग में वेरिफेकेशन की प्रक्रिया भी तय की गई थी जिसमें तय किया गया था कि एक कदम उठाने के वाद प्रूफ देखकर ही दूसरा कदम बढ़ाया जाएगा। वेरिफिकेशन में तीन दिन का समय लग सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि जैसे चीन ने एक टेंट हटाया तो तीन दिन के अंदर यूएवी से उसकी फोटो ली जाएगी और फिर पेट्रोलिंग पार्टी जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन भी करेगी। इसके बाद दूसरा कदम उठाया जाएगा। भारतीय सेना भी गलवान घाटी (Galwan Valley) में थोड़ा पीछे हटी है।

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