भारत-चीन सीमा विवाद पर दो दिवसीय बैठक, दोनों देश मिलकर सुलझायेंगे विवाद

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भारत-चीन (China) के विशेष प्रतिनिधियों के बीच नई दिल्ली में सीमा मुद्दे पर दो दिवसीय वार्ता में सीमा के निर्धारण, सीमा प्रबंधन और द्विपक्षीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी। चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बारे में बताया।

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आज शुरू हो रही सीमा वार्ता में चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री वांग यी करेंगे, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भारतीय दल का नेतृत्व करेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां मीडिया को बताया कि चीन (China) के विशेष प्रतिनिधि वांग 20-21 दिसम्बर को डोभाल के साथ सीमा वार्ता के 22 वें दौर की चर्चा करेंगे। गेंग ने कहा, ‘‘हमारी वार्ता और रणनीतिक संवाद के लिए विशेष प्रतिनिधि वार्ता मुख्य जरिया और महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने बताया कि परिपाटी के तहत दोनों देश बारी-बारी से बैठकें आयोजित करेंगे। पिछले साल वार्ता (China) चीन में हुई थी। उन्होंने कहा, दोनों विशेष प्रतिनिधि दोनों नेताओं (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति शी जिनपिंग) की सहमति पर आगे बढ़ेंगे और सीमा के निर्धारण, सीमा प्रबंधन तथा समाधान के लिए व्यावहारिक सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

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गेंग ने कहा कि दोनों देश आपसी हितों के द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार साझा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि दोनों विशेष प्रतिनिधियों के बीच पिछले साल चीन (China) के चेंगदू में 21 वें दौर की वार्ता हुई थी। इस दौरान भारत-चीन सीमा के निष्पक्ष, तार्किक और आपस में स्वीकार्य समाधान को लेकर प्रयास तेज करने पर सहमति बनी थी।

अक्टूबर में मोदी-शी की अनौपचारिक बैठक तथा हाल ही में बैंकाक में भारत के आरसेप से अलग होने के फैसले के बाद वांग की भारत यात्रा, चीन (China) से पहला उच्च स्तरीय दौरा होगा। डोभाल और वांग दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दों को लेकर वार्ता के लिए विशेष नियुक्त प्रतिनिधि हैं। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष अक्टूबर में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी के बीच शिखर स्तरीय वार्ता में लिए गए फैसलों के अनुपालन की समीक्षा कर सकते हैं।

गौरतलब है कि विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के लिये वांग को सितंबर में भारत आना था लेकिन वह दौरा स्थगित हो गया था। भारत और चीन (China) के बीच 3,488 किलोमीटर के वास्तविक नियंतण्ररेखा को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों पक्षों का मानना है कि सीमा मुद्दे का समाधान निकाले जाने तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं व्यवस्था बनाये रखना जरूरी है।

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