शातिर चीन की हर चाल पर भारत की पैनी नजर, ड्रैगन कर रहा है बड़ी तैयारी

चीनी वायुसेना (Chinese Air Force) ने हार्डेन शेल्टरों का निर्माण और रनवे की लंबाई का विस्तार किया है। साथ ही साथ ऑपरेशनों को अंजाम देने के लिए बड़ी संख्या में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है।

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी तनातनी को देखते हुए भारतीय एजेंसियां काफी चौकन्नी हैं और वे कड़ी सतर्कता बरत रही हैं। भारतीय एजेंसियां अरुणाचल प्रदेश के उत्तर में लद्दाख के दूसरी ओर एलएसी पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वायु सेना (Chinese Air Force) की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं। 

भारत और चीन के बीच तनाव और विवाद कम करने के लिए राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है लेकिन भारतीय सेना (Indian Army) के रुख से चीन इस तरह से घबराया है कि उसने एलएसी पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। चीन के इस कदम के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां, चीन की वायुसेना (Chinese Air Force) की गतिविधियों पर कड़ी निगाह रख रही है।

पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी तनातनी को देखते हुए भारतीय एजेंसियां काफी चौकन्नी हैं और वे कड़ी सतर्कता बरत रही हैं। भारतीय एजेंसियां अरुणाचल प्रदेश के उत्तर में लद्दाख के दूसरी ओर एलएसी पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वायु सेना (Chinese Air Force) की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्र में के होटन गर गुनसा, काशघर, होपिंग, डोंका डोंग, लिन्झी और पंगट एयरबेस पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

चीनी वायु सेना (Chinese Air Force) सीमा पर कुछ दिन से बेहद सक्रिय

सूत्रों ने बताया कि चीनी वायुसेना (Chinese Air Force) ने हाल के दिनों में अपने कई एयरबेसों को अपग्रेड किया है। चीनी वायुसेना (Chinese Air Force) ने हार्डेन शेल्टरों का निर्माण और रनवे की लंबाई का विस्तार किया है। साथ ही साथ ऑपरेशनों को अंजाम देने के लिए बड़ी संख्या में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। सूत्रों ने यह भी बताया कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के सामने दूसरी ओर चीन का लिनझी एयरबेस है। यह पूरी तरह से एक हेलीकॉप्टर बेस है। चीन ने समीपवर्ती भारतीय इलाकों में अपनी निगरानी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए वहां हेलिपैड का एक नेटवर्क भी बनाया है।

सूत्रों ने बताया कि दुनिया के सामने बातचीत और शांति का दिखावा करने वाले शातिर चीन ने लद्दाख सेक्टर और भारत से सटे अन्य इलाकों में अपने लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। इन लड़ाकू विमानों में सुखोई-30 के चीनी मॉडल और स्वदेशी जे-सीरीज के बमवर्षक शामिल हैं।

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भारतीय एजेंसियां उपग्रहों और अन्य माध्यमों से इन सभी लड़ाकू विमानों की निगरानी कर रही हैं। भारतीय वायु सेना ने भी चीनी सेना की इन हरकतों को देखते हुए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। भारतीय वायुसेना चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए अपने अग्रिम एयरबेसों पर सुखोई-30, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29 और मिराज-2000 के अपने बेड़े को पहले ही तैनात कर चुकी है।

हालही में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पश्चिमी कमान में एक फ्रंट लाइन एयरबेस पर मिग-21 बाइसन जेट विमान में उड़ान भरी थी और ऑपरेशन तैयारियों का जायजा लिया था। साथ ही दुश्मन को सख्त संदेश दिया था कि उसकी हर हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

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