भारत-चीन सीमा विवाद: ड्रैगन ने जाहिर की भारत को उसी की जमीन से पीछे ढकेलने की मंशा, भारत ने दिया ये जवाब

India China Border Clash: चीनी सैनिक पैंगोंग त्सो झील के पास फिंगर-5 के आसपास हैं और फिंगर 5 से फिंगर 8 तक पांच किलोमीटर से अधिक के इलाकों में ड्रैगन ने बड़ी संख्या में सैनिकों और उपकरणों को तैनात किया है।

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

भारत-चीन सीमा विवाद: भारत-चीन (India China) पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LaC) पर चल रहे विवाद का समाधान खोजने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस बातचीत के बीच भारत ने चीन के पूर्वी लद्दाख के फिंगर एरिया से पीछे हटने के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कूटनीतिक स्तर बातचीत के बाद दोनों पक्ष पिछले तीन महीने से भी ज्यादा समय से सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए सैन्य स्तर की बातचीत के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं।

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इस बीच, शीर्ष सैन्य कमांडरों ने भी अपने फील्ड कमांडरों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर किसी भी घटना या कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार होने के लिए कहा है। पूर्वी लद्दाख में तैनात सेना के जवानों को लंबे समय तक इस तनातनी के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।

सूत्रों ने बताया, चीनी पक्ष ने एक सुझाव दिया था कि भारत और चीन (India China) दोनों को फिंगर-4 क्षेत्र से समान रूप से वापस जाना चाहिए। यह सुझाव भारतीय पक्ष को स्वीकार्य नहीं है। फिलहाल, चीनी सैनिक पैंगोंग त्सो झील के पास फिंगर-5 के आसपास हैं और फिंगर 5 से फिंगर 8 तक पांच किलोमीटर से अधिक के इलाकों में ड्रैगन ने बड़ी संख्या में सैनिकों और उपकरणों को तैनात किया है।

भारतीय पक्ष चीनी सेना को यह स्पष्ट कर चुका है कि चीनियों को फिर से फरवरी 2020 से पहले वाली स्थिति बनाने के लिए पूरी तरह से अपने सही स्थान पर वापस जाना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार, चीनी पक्ष के सुझाव को स्वीकार करने का कोई मतलब ही नहीं था। भारत 1993-1996 के दौरान दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन करने वाले चीनी सैनिकों के बारे में भी बात कर रहा है, जो उन स्थानों पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध लगाता है, जहां एलएसी की धारणा दोनों पक्षों (India China) के बीच अलग-अलग थी। चीनियों ने फिंगर इलाके में भी निर्माण किया है जो भारतीय क्षेत्र फिंगर 8 तक फैला हुआ है।

भारतीय पक्ष इस बात पर अडिग है कि चीन को पहले डिसइंगेजमेंट करना चाहिए और फिर दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख और देपसांग मैदानों और दौलत बेग ओल्डी इलाकों से डी-एस्केलेशन पर चर्चा कर सकते हैं। भारत और चीन (India China) अप्रैल मई के बाद से ही लद्दाख सीमा विवाद को सुलझाने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं।

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