भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात, इन 5 अहम मुद्दों पर बनी बात

भारत और चीन (India-China) के बीच सीमा पर तनाव को कम करने के लिए पांच बिंदुओं पर सहमति बनी है। इस बात की जानकारी 11 सितंबर को विदेश मंत्रालय ने दी।

India-China

फाइल फोटो।

भारत-चीन (India-China) के बीच पूर्वी लद्दाख में वैसे तो मई से ही तनाव बना हुआ है, लेकिन 29-30 अगस्त की रात चीन की घुसपैठ की कोशिश से माहौल और बिगड़ गया।

रूस की राजधानी मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) के बीच 10 सितंबर की शाम को मुलाकात हुई। दोनों शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को पहुंचे हैं। दोनों देशों (India-China) के बीच चल रहे तनाव के बीच यह मुलाकात काफी अहम है।

इस मुलाकात के दौरान भारत और चीन (India-China) के बीच सीमा पर तनाव को कम करने के लिए पांच बिंदुओं पर सहमति बनी है। इस बात की जानकारी 11 सितंबर को विदेश मंत्रालय ने दी।

1- बॉर्डर के इलाकों में मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है। दोनों देशों के जवानों को बातचीत जारी रखते हुए तेजी से डिसएंगेजमेंट (विवादित इलाकों से सैनिक हटाने का काम) करना चाहिए। एक-दूसरे से तय दूरी रखते हुए तनाव कम करना चाहिए।

2- रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच पहले जो एकराय (कन्सेन्सस) बनी थी, उससे गाइडेंस लेना चाहिए। मतभेदों की वजह से तनाव नहीं होना चाहिए।

3- दोनों देशों (India-China) को सीमा से जुड़े मामलों में सभी मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल को मानना चाहिए। बॉर्डर के इलाकों में शांति रखते हुए ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए, जिससे माहौल बिगड़ने की आशंका हो।

4- बॉर्डर पर स्थिति सुधरते ही दोनों देशों को तेजी से काम करना चाहिए, ताकि शांति बनाए रखने और आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए नए उपाय पूरे किए जा सकें।

5- स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव (SR) मैकेनिज्म के जरिए बातचीत होती रहेगी। वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन (WMCC) की बैठकें भी जारी रहेंगी।

COVID-19: भारत में कोरोना के मामले हर दिन तोड़ रहे रिकॉर्ड, बीते 24 घंटे में आए 96,551 नए केस

बता दें भारत-चीन (India-China) के बीच पूर्वी लद्दाख में वैसे तो मई से ही तनाव बना हुआ है, लेकिन 29-30 अगस्त की रात चीन की घुसपैठ की कोशिश से माहौल और बिगड़ गया। चीन के सैनिकों ने पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जा करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया।

ये भी देखें-

इसके बाद दोनों देशों (India-China) के आर्मी अफसरों के बीच बातचीत का दौर चला, लेकिन इसी बीच चीन ने 4 दिन में दूसरी बार घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन हर बार नाकाम रहा। इसके बाद फिर एक बार ड्रैगन ने चालबाजी दिखाई। चीन ने भारत पर आरोप लगाया कि भारतीय जवानों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पार की और फायरिंग की। जिस पर भारतीय सेना ने चीन को दो टूक जवाब दिया, “ना तो हमने सीमा पार की और ना ही गोलियां चलाईं।”

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें