
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) टू प्लस टू की बैठक (India America Two Plus Two Meet) का हिस्सा लेने के लिए भारत (India) के लिए रवाना हो चुके हैं। यह बैठक चीन (China) के बढ़ते वैश्विक प्रभाव का मुकाबला करने पर काफी हद तक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पोम्पियो ने ट्विटर पर कहा, “भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की मेरी यात्रा के लिए तैयार। स्वतंत्र और मजबूत, और समृद्ध राष्ट्रों से बने स्वतंत्र और खुले Indo Pacific के लिए एक साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए हमारे भागीदारों के साथ जुड़ने के अवसर के लिए आभारी।”
Wheels up for my trip to India, Sri Lanka, Maldives, and Indonesia. Grateful for the opportunity to connect with our partners to promote a shared vision for a free and open #IndoPacific composed of independent, strong, and prosperous nations. pic.twitter.com/IoaJvtsHZC
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) October 25, 2020
केवल दो साल में तीसरी बार अमेरिका भारत के बीच टू प्लस टू (India America Two Plus Two Meet) मंत्रिस्तरीय वार्ता का आयोजन हो रहा है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत (India) और अमेरिका (America) का रिश्ता अब मजबूत होता जा रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री, मार्क टी एस्पर भारत के लिए रवाना हो चुके हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री, मार्क टी एस्पर भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। अब जाहिर सी बात है कि भारत और अमेरिका के गहरे होते इस रिश्ते से चीन को मिर्ची तो लगनी ही है। दिल्ली में होने वाली इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच संभावित बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन अग्रीमेंट (BECA) को लेकर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया भी जाहिर कर दी है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में कहा गया है कि जिस तरह से अमेरिका के जापान के साथ रिश्ते हैं वैसे उसके भारत के साथ स्थापित नहीं हो सकते हैं। लेख में कहा गया है कि जो देश यह मानता है कि उसका ‘शक्तिशाली’ होना तय है, उसका किसी वैश्विक प्रतिस्पर्धी के साथ रिश्ते बनना मुश्किल है।
#opinion: It’s difficult for Washington to form alliance with New Delhi like it has with Tokyo. As a country which believes it is destined to become even more “powerful,” India will not be subject to any other global competitor. https://t.co/sq5GfKfcjt pic.twitter.com/lBO1iviWoB
— Global Times (@globaltimesnews) October 25, 2020
ग्लोबल टाइम्स में यह लेख फुदान यूनिवर्सिटी में साउथ एशियन स्टडीज के निदेशक और अमेरिकन स्टडीज सेंटर के प्रोफेसर झांग जियाडॉन्ग ने लिखा है। उन्होंने अपने लेख में कहा कि भारत-अमेरिका के बीच यह तीसरी टू प्लस टू (India America Two Plus Two Meet) मंत्री-स्तरीय बैठक है, जो नई दिल्ली में होनी है। इस बैठक में बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन अग्रीमेंट पर दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर होने हैं।
इसका मतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते लगातार आगे की तरफ बढ़ रहे हैं। प्रोफेसर झांग जियाडॉन्ग ने इस बैठक को लेकर चार बिन्दु गिनाए हैं। ग्लोबल टाइम्स के लेख में कहा गया है कि पहला, कोरोना महामारी के दौरान भारत-अमेरिका के बीच यह पहली ऑफलाइन बैठक होगी।
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इस हालात में भी दोनों देशों के बीच यह बैठक होने जा रही है जबकि दुनियाभर के देश ऑनलाइन बैठकों को तरजीह दे रहे हैं। फिलहाल, इस स्थिति में भी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो नई दिल्ली में बैठक करेंगे। लेख में कहा गया है कि माइक पोम्पियो श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया भी जाएंगे। यह दिखाता है कि अमेरिका, भारत के साथ अपने रिश्तों और हिंद-प्रशांत रणनीति को बहुत महत्व देता है।
दूसरी बात, यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव चल रहे हैं। ऐसे समय में अमेरिका-भारत (India America) के बीच यह एक बड़ी कूटनीतिक गतिविधि है, जो अमेरिका के लिए भारत के महत्व को दर्शाती है। लेख के मुताबकि, तीसरी बात, अमेरिका-भारत की बातचीत ऐसे समय होने जा रही है, जब चीन का भारत के साथ सीमा को लेकर तनाव बना हुआ है।
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भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को करीब छह महीने होने जा रहे हैं। लेकिन इस सब चीजों के बीच भारत-अमेरिका (India America) के बीच मंत्री-स्तरीय यह बैठक चीन को साफ तौर पर निशाना बनाने के लिए की जा रही है। प्रोफेसर झांग जियाडॉन्ग ने अपने लेख में कहा कि इसके जवाब में चीन, अमेरिका और भारत के रणनीतिक इरादों पर नए निर्णय करेगा।
उसे नई दिल्ली के साथ आगे बढ़ने वाली नीतियों को लागू करने के लिए उपयुक्त साधनों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता होगी। प्रोफेसर झांग जियाडॉन्ग ने कहा कि चौथी बात अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया नवंबर में संयुक्त मालाबार नौसैनिक अभ्यास करने जा रहे हैं, हिंद-प्रशांत समुद्री सुरक्षा ढांचा धीरे-धीरे इसके साथ आकार ले रहा है।
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बता दें कि इस टू प्लस टू वार्ता (India America Two Plus Two Meet) के साथ पोम्पियो और एस्पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। भारत और अमेरिका के बीच कुछ सालों से रक्षा संबंधों के साथ वैचारिक संबंधों में काफी तेजी आई है। इस दौरान पोम्पियो राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे जिसमें द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक जैसे कई मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही चीन के विफल प्रयासों और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उसके आक्रामक रवैये पर भी चर्चा होगी।
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