
विश्व के 189 देशों के बीच वर्ष 2018 में भारत में मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) 0.647 था जिससे उसका रैंक 130 रहा था। दूसरी तरफ भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इस सूची में तीन स्थान की छलांग लगाते हुए 150 से 147वें स्थान पर पहुंचा है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में मानव विकास सूचकांक में भारत ने एक स्थान की छलांग लगाई है और 189 देशों के बीच इसकी रैंकिंग 129 हो गई है। पिछले वर्ष 2018 में भारत में मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) 0.647 था जिससे उसका रैंक 130 रहा था। हालांकि एशिया के अपने कई पड़ोसी देशों की तुलना में भारत की ये स्थिति अच्छी नहीं है। क्योंकि चीन, श्रीलंका और ईरान जैसे देश अभी भी हमसे काफी आगे हैं। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने भी इस सूची में 3 पायदान की बढ़ोतरी दर्ज की है और बांग्लादेश ने 2 स्थान का छलांग लगाया है। इस हिसाब से भारत की ये बढ़ोतरी अपने पड़ोसी देशों के मुकाबले कम मानी जाएगी। इस सूची में पिछली साल की भांति ही नॉर्वे और स्विजरलैंड ने अपना पहला-दूसरा स्थान कायम रखा है, वहीं इस बार ऑस्ट्रेलिया को हटाकर आयरलैंड ने तीसरे स्थान पर कब्जा जमा लिया है। जबकि ऑस्ट्रेलिया 3 पायदान पीछे खिसकर 6वें नंबर पर चला गया है। जर्मनी और हांगकांग दोनों 4 स्थान पर संयुक्त रूप से काबिज हैं।
यूएनडीपी की भारत में स्थानीय प्रतिनिधि शोको नोडा ने कहा कि भारत में 2005-06 से 2015-16 के बीच 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया। प्रधानमंत्री जनधन योजना (वित्तीय समग्रता के लिए) और आयुष्मान भारत (नियंत्रण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए) यह सुनिश्चित करने के लिये अहम रहे हैं कि हम किसी को भी नहीं पिछड़ने देने के वादे को पूरा करेंगे और सभी के विकास के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करेंगे। तीन दशकों से तेज विकास के कारण यह प्रगति हुई है जिसके कारण गरीबी में कमी आई है। साथ ही जीवन प्रत्याशा, शिक्षा और स्वास्य सुविधाओं तक पहुंच में बढ़ोतरी के कारण भी रैंकिंग सुधरी है।
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मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) के मुताबिक किसी अन्य क्षेत्र में इतनी तेजी से मानव विकास प्रगति नहीं हुई है। सर्वाधिक प्रगति दक्षिण एशिया में हुई है जहां 1990-2018 के दौरान 46 फीसद बढोतरी हुई जबकि पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 43 फीसदी वृद्धि हुई। इंडोनेशिया और फिलीपीन भी उच्च मानव विकास वाले देशों की श्रेणी में शामिल हुए हैं।
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