Holi Bhai Dooj 2021: आज है भाई दूज, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

Holi Bhai Dooj 2021: भारत के कई इलाकों में होली के दूसरे दिन भाईदूज का त्योहार मनाया जाता है। वैसे तो दिवाली के बाद आने वाली भाई दूज का खास महत्व होता है।

Holi Bhai Dooj 2021

Holi Bhai Dooj 2021

होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2021) मंगलवार, मार्च 30, 2021 को है। द्वितीया तिथि मार्च 29, 2021 को शाम 08:54 बजे से मार्च 30, 2021 को शाम 05:27 बजे तक रहेगी।

Holi Bhai Dooj 2021: भारत के कई इलाकों में होली के दूसरे दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। वैसे तो दिवाली के बाद आने वाली भाई दूज का खास महत्व होता है। इसके अलावा चैत्र के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भी भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2021) का पर्व मनाया जाता है। इस साल भाई दूज का पर्व आज मनाया जा रहा है।

जिस तरह दिवाली के दूसरे दिन मनाए जाने वाले भाई दूज के त्योहार में बहनें भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं, उसी तरह से होली के दूसरे दिन यानी होली भाई दूज पर भी देश के कुछ हिस्सों में भाई को तिलक लगाकर बहनें भाई दूज मनाती हैं। शास्त्रों की मानें तो होली के अगले दिन जब बहनें भाई को तिलक लगाती हैं तो भाई को सभी तरह के संकट से मुक्ति मिल जाती है और उसके जीवन में सुख समृद्धि आती है।

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मुहूर्त-

होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2021) मंगलवार, मार्च 30, 2021 को है। द्वितीया तिथि मार्च 29, 2021 को शाम 08:54 बजे से मार्च 30, 2021 को शाम 05:27 बजे तक रहेगी। होली भाई दूज पर अमृत काल 30 मार्च को सुबह 06 बजकर 41 मिनट से सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।

इसके अलावा सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक द्विपुष्कर योग लगेगा। इन दोनों ही मुहूर्त में होली भाई दूज मना सकते हैं। 30 मार्च को दोपहर करीब 3 बजे से शाम साढ़े चार बजे तक राहुकाल लगने वाला है। इस समयावधि में होली भाई दूज पर भाई को तिलक न करें।

ऐसे करें तिलक-

कम से कम 27 पत्तियां शुद्ध केसर की लें और उसमें शुद्ध लाल चंदन और गंगाजल मिलाकर साफ चांदी की कटोरी या पीतल की कटोरी में तिलक तैयार करें। अपने भाई को तिलक करने से पहले यह कटोरी भगवान विष्णु के श्री चरणों में रखें। ॐ नमो नारायणाय मंत्र का 27 बार जाप करें।

अब यह तिलक सबसे पहले भगवान गणपति और विष्णु जी को करें। इसके बाद यह तिलक अपने भाई को उत्तर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके तिलक करें। अब बहन अपने भाई को मिष्ठान खिलाए तथा भाई भी अपनी बहन का मुंह मीठा करें। ऐसा करने से भाई-बहन का स्नेह हमेशा के लिए बना रहेगा।

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