आज है भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार और राष्ट्रसेवी हरिभाऊ उपाध्याय की पुण्यतिथि

हरिभाऊ जी (Haribhau Upadhyaya) राजनीति में भी सक्रिय रहे। नमक सत्याग्रह और बाद के आंदोलनों में गिरफ्तार हुए। स्वतंत्रता के बाद अजमेर राज्य के मुख्यमंत्री रहने के उपरांत राजस्थान बन जाने पर वे 10 वर्षों तक विभिन्न विभागों के मंत्री रहे।

Haribhau Upadhyaya हरिभाऊ उपाध्याय

Haribhau Upadhyaya death anniversary II हरिभाऊ उपाध्याय पुण्यतिथि विशेष

Remembering Haribhau Upadhyaya: गांधीवादी विचारक, साहित्यकार, पत्रकार और राजनेता हरिभाऊ उपाध्याय (Haribhau Upadhyaya) का जन्म 9 मार्च, 1892 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में हुआ था। विद्यार्थी जीवन में ही उनका परिचय लोकमान्य के पत्र ‘केसरी’ और हिन्दी की प्रसिद्ध पत्रिका ‘ सरस्वती’ से हो गया था। तभी उन्होंने तीन वर्ष तक ‘औंदुबर’ पत्रिका का संपादन किया। तदुपरांत महावीर प्रसाद द्विवेदी के आमंत्रण पर 4 वर्ष ‘सरस्वती’ में काम करने के बाद विद्यार्थी जी के ‘प्रताप और ‘प्रभा’ के संपादकीय विभाग में कानपुर में रहे।

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हरिभाऊ जी (Haribhau Upadhyaya) की योग्यता गांधी जी के पत्र ‘हिन्दी नवजीवन’ में काम करने के लिए उन्हें अहमदाबाद ले गई। तभी उन्होंने 1923 में गांधी जी के निजी सचिव के रूप में उनके साथ भारत यात्रा की थी। फिर वे अजमेर आ गए और वहां ‘सस्ता साहित्य मंडल’ नामक प्रकाशन संस्था की स्थापना की, जो आज भी दिल्ली में कार्यरत है। इस संस्था के पत्र ‘जीवन साहित्य’ के भी आप संपादक रहे। ‘त्याग भूमि’ नामक पत्रिका का प्रकाशन आरंभ किया और ‘ गांधी सेवा संघ’ नामक संस्था बनाई। इन सब कार्यों के साथ हरिभाऊ जी (Haribhau Upadhyaya) राजनीति में भी सक्रिय रहे। नमक सत्याग्रह और बाद के आंदोलनों में गिरफ्तार हुए। स्वतंत्रता के बाद अजमेर राज्य के मुख्यमंत्री रहने के उपरांत राजस्थान बन जाने पर वे 10 वर्षों तक विभिन्न विभागों के मंत्री रहे।

हरिभाऊ जी (Haribhau Upadhyaya) राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति और ‘महिला शिक्षा सदन हटूंडी’ के भी सूत्रधार थे। उन्होंने अनेक मौलिक ग्रंथों की रचना की जिनमें ‘बापू के आश्रम में’, ‘स्वतंत्रता की ओर’, ‘मानव धर्म’, ‘हमारा कर्तव्य और युगधर्म’ विशेष उल्लेखनीय हैं। अनुवाद के क्षेत्र में गांधी जी की ‘आत्मकथा’, नेहरू जी की ‘मेरी कहानी’ पट्टाभि का ‘कांग्रेस का इतिहास’ हिन्दी को आपकी विशिष्ट देन हैं। 25 अगस्त, 1972 ई. को आपका देहांत हो गया।

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