भारत के 10 सालों के प्रयास का प्रमाण, आतंक के वित्तपोषक सईद का पूरा घटनाक्रम

Hafiz Saeed

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पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण (Terror Funding) का आरोप तय किया। जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद (Hafiz Saeed) से जुड़ा घटनाक्रम इस प्रकार है।

Hafiz Saeed

भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद ( Hafiz Saeed) को कानूनी शिकंजे में लाने के लिए इस्लामाबाद पर अत्यधिक अंतर्राष्ट्रीय दबाव था। आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) लाहौर ने सईद और उसके तीन शीर्ष सहयोगियों हाफिज अब्दुल सलाम बिन मुहम्मद, मुहम्मद अशरफ और जफर इकबाल को आतंकी वित्त पोषण के लिए आरोपित किया है।

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26 नवंबर 2008: लश्कर-ए-तय्यबा के भारी हथियारों से लैस 10 आतंकियों ने मुंबई में कई स्थानों पर हमला किया। इसमें 166 लोग मारे गए। 9 आतंकियों को मौके पर ढेर कर दिया गया और जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल आमिर कसाब को बाद में फांसी दी गई।

दिसंबर 2008: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आधिकारिक तौर पर जमात-उद-दावा और हाफिज सईद ( Hafiz Saeed) दोनों को संयुक्त राष्ट्र की आतंकियों की प्रतिबंधित सूची में डालने का आग्रह किया।

10 दिसंबर 2008: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सईद को लश्कर से संबंधित घोषित किया।

11 दिसंबर 2008: सईद को लोक व्यवस्था कानून के तहत पाकिस्तान में नजरबंद किया गया।

26 अगस्त 2009: भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध के बाद इंटरपोल ने सईद के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया।

अक्टूबर 2009: लाहौर हाईकोर्ट ने सईद के खिलाफ सभी आपराधिक आरोप खारिज किए और कहा कि जमात-उद-दावा प्रतिबंधित संगठन नहीं है।

3 अप्रैल 2012: अमेरिका ने 2008 मुंबई हमलों में सईद की भूमिका को लेकर उसे पकड़ने के लिए एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया। अमेरिका ने जमात-उद-दावा और लश्कर को काली सूची में डाला।

30 अगस्त 2012: अमेरिका के वित्त विभाग ने सईद को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी घोषित किया।

22 जनवरी 2015: पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय कार्य योजना के क्रियान्वयन के तहत जमात-उद-दावा और हक्कानी नेटवर्क को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल किया।

नवंबर 2016: पाकिस्तान ने संगठन के अंतर्राष्ट्रीय आतंकी समूहों की सूची में शामिल होने के बाद जमात-उद-दावा और सईद के मीडिया कवरेज पर रोक लाई।

26 नवंबर 2017: करीब 10 महीने तक नजरबंद रहने के बाद लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद सईद को रिहा किया गया।

3 दिसंबर 2017: सईद ने मिल्ली मुस्लिम लीग के बैनर तले 2018 के आम चुनाव लड़ने की पुष्टि की।

18 दिसंबर 2018: सईद ने पाकिस्तान के एक मशहूर उर्दू अख़बार में लेख लिखा।

22 फरवरी 2019: जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय दबाव उत्पन्न होने के कारण पापिस्तान ने सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और उसके मोर्चे फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाया।

7 मार्च 2019: संयुक्त राष्ट्र ने सईद का नाम प्रतिबंधित आतंकियों की सूची से हटाने से इनकार कर दिया।

3 जुलाई 2019: सईद और नायब अमीर अब्दुल रहमान मक्की सहित जमात-उद-दावा के शीर्ष 13 सदस्यों पर आतंकी वित्त पोषण (Terror Funding) और धनशोधन सहित दो दर्जन मामले दर्ज किए गए।

4 जुलाई 2019: पाकिस्तान के आतंकी विरोधी विभाग ने सईद और उसके 12 साथियों के खिलाफ पांच ट्रस्ट या गैर-लाभ संगठनों (एनजीओ) का इस्तेमाल लश्कर के लिए धन एकत्रित करने के संबंध में 23 मामले दर्ज किए।

7 अगस्त 2019: पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधी विभाग ने सईद और जमात-उद-दावा को आतंकवादी वित्त पोषण का दोषी बताया।

27 सितंबर 2019: अमेरिका ने पाकिस्तान से सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चलाने को कहा।

30 नवंबर 2019: पाकिस्तान सरकार ने कहा कि सात दिसंबर को आतंकवाद निरोधी अदालत द्वारा आतंक के वित्त पोषण के आरोपों के लिए मुकदमा चलाया जाएगा।

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