पाकिस्तान में खतरनाक हथियार रखना आम बात क्यों है? दूल्हे को तोहफे में AK-47 मिलने पर शुरू हुई बहस

सोशल मीडिया (Social Media) पर पाकिस्तान (Pakistan) की एक शादी (Wedding) का वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा है, जिसको देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस वीडियो में एक महिला दूल्हे को एके-47 (AK 47) देते नजर आ रही है।

AK 47

वैसे तो शादियों में दुल्हे को बहुत तोहफे मिलते हैं। पर क्या कभी आपने देखा है कि शादी में किसी को गिफ्ट (Gift) में एके-47 जैसा हथियार मिला हो? सोशल मीडिया (Social Media) पर पाकिस्तान (Pakistan) की एक शादी (Wedding) का वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा है, जिसको देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस वीडियो में एक महिला दूल्हे को एके-47 (AK 47) देते नजर आ रही है।

यह वीडियो पाकिस्तान (Pakistan) में हुए एक निकाह का बताया जा रहा है। इस वीडियो में वीडियो में देखा जा सकता है कि दूल्हा स्टेज पर दुल्हन के साथ बैठा है। एक महिला दूल्हे के पास आती है और फिर उसके माथे को चूम कर उसके हाथ में एके-47 (AK 47) थमा देती है। इसके बाद शादी में मौजूद मेहमान खुशी से शोर मचाने लगते हैं।

यहां देखें वीडियो-

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वीडियो में मेहमान रेहान नाम के दूल्हे को बार-बार बंदूक कैमरे में दिखाने को कह रहे हैं। वैसे शादी में असॉल्ट राइफल जैसे हथियार भेंट करना वास्तव में असामान्य है। लेकिन, पाकिस्तान और भारत सहित कई अन्य देशों में शादियों और अन्य समारोहों के दौरान बंदूक से हवाई फायर किए जाते हैं।

बता दें कि पाकिस्तान में बंदूक गिफ्ट करने का यह पहला मामला सामने नहीं है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने पिछले साल अरब के प्रिंस फहाद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज ( Fahd bin Sultan bin Abdul Aziz ) को गोल्ड प्लेटेड क्लानिशकोव राइफल और बुलेट तोहफे में दी थी। हालांकि, यह स्पष्ट स्पष्ट नहीं हुआ था कि यह बंदूक केवल प्रतीक के तौर पर दी गई थी या वह काम भी करती थी।

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बता दें कि भारत में हथियार रखना बड़ी बात माना जाती है लेकिन पाकिस्तान में यह बिल्कुल आम बात है। दरअसल, भारत में जहां छोटा सा लाइसेंसी हथियार लेने के लिए भी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होता है, वहीं पाकिस्तान में हथियार लेना कोई बड़ी बात नहीं है। वहां के ज्यादातर लोग हथियार रखते हैं और बड़ी आसानी से मिल जाता है।

उन्हें यह अधिकार पाकिस्तान के आग्नेयास्त्रों से जुड़े कानून की वजह से मिलता है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के केवल आदिवासी इलाकों में रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड, शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग-रेंज रॉकेट, एंटी-एयरक्राफ्ट गन, मोर्टार आदि सहित भारी हथियारों के स्वामित्व की अनुमति है।

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वहीं, पंजाब और सिंध प्रांत के लोग हथियारों के असर और इस्तेमाल को संवैधानिक अधिकार मानते हैं जबकि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के लोग इसे अपनी संस्कृति का हिस्सा मानते हैं।

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गौरतलब है कि पाकिस्तान के पेशावर इलाके में दारा एडम खेल शहर को वहां का ‘गन वैली’ माना जाता है। इस छोटे से शहर की अनुमानित आबादी 80,000 है फिर भी, यहां लगभग 2,000 हथियार की दुकान है। यहां आधी से अधिक आबादी हथियार बनाने के कारखानों में काम करती है।

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