
Rajeev Gandhi Khel Ratna Award
‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ (Rajeev Gandhi Khel Ratna Award) देश का सर्वोच्च खेल सम्मान है। ये ऐसे खिलाड़ियों को दिया जाता है जिसने अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया हो।
भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ (Rajeev Gandhi Khel Ratna Award) का नाम बदलकर ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड’ (Major Dhyan Chand Khel Ratna Award) कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने खुद इसका ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने के लिए भारत भर के नागरिकों से कई अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा!
Major Dhyan Chand was among India’s foremost sportspersons who brought honour and pride for India. It is fitting that our nation’s highest sporting honour will be named after him.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
पीएम ने ट्वीट में कहा कि ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। पीएम मोदी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने भारत के लिए सम्मान और गौरव अर्जित किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्हीं के नाम पर रखा जाना बिल्कुल सही है।
The exceptional performance of the Men’s and Women’s Hockey Team has captured the imagination of our entire nation. There is a renewed interest towards Hockey that is emerging across the length and breadth of India. This is a very positive sign for the coming times. pic.twitter.com/E7HT3Gd7h5
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
बता दें कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (Rajeev Gandhi Khel Ratna Award) देश का सर्वोच्च खेल सम्मान है। ये ऐसे खिलाड़ियों को दिया जाता है जिसने अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया हो। इस अवॉर्ड की शुरुआत साल 1991 में हुई थी। खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल ये सम्मान दिया जाता है।
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युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा गठित बारह सदस्यीय चयन समिति अलग-अलग खेलों से आए नामों पर विजेताओं का फैसला करती है। सभी खेल फेडरेशन मंत्रालय को अपने नॉमिनेशन भेजते हैं। सम्मान में एक पदक, एक प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार दिया जाता है।
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नियमों के मुताबिक, ओलिंपिक और पैरालिंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ी सीधे इस खिताब के लिए चुन लिए जाते हैं। इसके अलावा नए नियमों के अनुसार, खिलाड़ियों को अलग-अलग आधार पर अंक दिए जाते हैं। उसमें 90 प्रतिशत अंक उनके प्रदर्शन और 10 प्रतिशत अंक उनके व्यवहार,खेल भावना और अनुशासन के आधार पर दिए जाते हैं।
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