चेतावनी! नक्सलियों से निपटने के लिए हो सकती है सेना की तैनाती, नक्सलवाद के प्रति केंद्र का रवैया बेहद सख्त

सरकार नक्सली हिंसा से निपटने के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सेना की तैनाती पर विचार कर सकती है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार की लचीली पुनर्वास योजनाओं का लाभ लेकर नक्सली मुख्यधारा में लौट आएं।

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नक्सलवाद के खात्मे के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार भी काफी सख्त रवैया अपना रही है।

नक्सलवाद देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा ही नहीं बल्कि देश के विकास में बड़ी बाधा भी है। हालांकि सरकार और प्रशासन की कोशिशें जारी हैं और इन कोशिशों का असर भी दिख रहा है। बावजूद इसके नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का विकास अभी पूरी तरह नहीं हो पाया है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि नक्सली सरकार और प्रशासन द्वारा किए जा रहे विकास के प्रयासों में विघ्न उत्पन्न करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं। नक्सली इन क्षेत्रों में स्कूल, अस्पताल, सड़कें, बिजली आदि पहुंचाने की सरकार की कोशिशों को विफल करने की ताक में रहते हैं। आए दिन ये नक्सली सरकारी भवनों और सड़कों को विस्फोट कर उड़ा देते हैं।

उससे भी नहीं होता तो सीधे-सादे गांव वालों को डराते-धमकाते हैं। यहां तक कि अपनी बात मनवाने के लिए वे मासूम गांव वालों की जान लेने में भी नहीं हिचकिचाते। लेकिन अब सरकार ने भी नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए ठान लिया है। नक्सलवाद के खात्मे के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार भी काफी सख्त रवैया अपना रही है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 14 जुलाई को नक्सलियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ा तो सरकार उनके खिलाफ सेना की सहायता लेने पर विचार कर सकती है।

सरकार नक्सली हिंसा से निपटने के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सेना की तैनाती पर विचार कर सकती है। राय ने कहा कि सरकार की लचीली पुनर्वास योजनाओं का लाभ लेकर नक्सली मुख्यधारा में लौट आएं। उन्होंने कहा कि देश में नक्सल प्रभावित इलाके लगातार सिमट रहे हैं। इनका कैडर लगातार छोटा होता जा रहा है। आखिरी कुछ नक्सल प्रभावित इलाकों में अर्द्धसैनिक बल भी बड़ी संख्या में तैनात हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर नक्सली हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ते हैं तो उनके प्रभाव वाले इलाके मुक्त करवाने और नक्सलवाद को कुचलने के लिए सेना की तैनाती सहित सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

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