CDS जनरल बिपिन रावत ने चीन को दिया कड़ा संदेश, कही ये बात

भारत और चीन के बीच LAC पर चल रहे तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की आठवीं वार्ता शुरू हो गई है। इस दौरान देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने चीन को कड़ा संदेश दिया है।

Bipin Rawat

फाइल फोटो।

कोर कमांडर स्तर की आठवीं वार्ता के दौरान देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने चीन को कड़ा संदेश दिया है।

भारत और चीन के बीच LAC पर चल रहे तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की आठवीं वार्ता शुरू हो गई है। इस दौरान देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने चीन को कड़ा संदेश दिया है।

जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने कहा कि हमें एलएसी (LAC) पर किसी भी तरह का बदलाव मंजूर नहीं है। बता दें कि आठवें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं, जिन्हें हाल ही में लेह की 14वीं कोर का कमांडर नियुक्त किया गया था।

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बता दें कि यह सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख के चुशुल में हो रही है। दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई महीने से चल रहे सैन्य तनाव को लेकर बातचीत करेंगे। दोनों पक्ष विवाद के समाधान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर बात करेंगे। माना जा रहा है कि भारत इस बातचीत में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले सभी स्थानों से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी पर जोर देगी।

छह महीने से चले आ रहे इस गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच पूर्व में हुई कई दौर की बातचीत का अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। गौरतलब है कि इससे पहले 7वें दौर की वार्ता 12 अक्तूबर को हुई थी। इसमें पूर्वी लद्दाख में टकराव के बिंदुओं से सैनिकों के पीछे हटने पर कोई नतीजा नहीं निकला था।

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पिछले दौर की वार्ता के बाद दोनों सेनाओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि दोनों पक्ष सैन्य एवं कूटनीतिक माध्यमों से वार्ता तथा संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए हैं जिससे कि जल्द से जल्द पारस्परिक सहमति वाले समाधान पर पहुंचा जा सके।

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पिछले दौर की बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाओं की ओर से जारी किए गए संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा गया था कि दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक माध्यमों से संवाद कायम रखने पर सहमत हुए हैं। ताकि, गतिरोध को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द कोई साझा स्वीकार्य समाधान निकाला जा सके।

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