Rajeev Sharma
देश की रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज के साथ गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा (Rajeev Sharma) को लेकर दिल्ली पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पूछताछ और जांच के आधार पर दिल्ली पुलिस का कहना है कि पत्रकार राजीव शर्मा ने चीनी खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी मुहैया कराई है। इस मामले में एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी कंपनियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में पैसे देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
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गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देश की रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज के साथ स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा (Rajeev Sharma) को गिरफ्तार किया है। आरोपित पत्रकार के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत कार्रवाई की गयी है। संदिग्ध गतिविधि की सूचना पर पुलिस लंबे समय से राजीव की फोन कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) जुटा रही थी।
14 सितंबर को गिरफ्तार राजीव (Rajeev Sharma) को छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। स्पेशल सेल और अन्य सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों से पूछताछ में उसने कबूला कि वह चीन के खुफिया विभाग से जुड़े माइकल और जॉर्ज के इशारे पर जासूसी कर रहा था और उनके साथ नियमित संपर्क में था।
Freelance journalist Rajeev Sharma (pic 1) arrested under Official Secrets Act for passing sensitive information to Chinese intelligence. A Chinese woman & her Nepalese associate also arrested for paying him large amounts of money routed through shell companies: Delhi Police pic.twitter.com/8cDHbwcFtB
— ANI (@ANI) September 19, 2020
सूत्रों के मुताबिक राजीव शर्मा (Rajeev Sharma) ने कई बार चीनी खुफिया अधिकारियों से मुलाकात की थी और उनका विदेश दौरा भी हुआ था। संभावना है कि राजीव शर्मा के संपर्क में विदेश मंत्रालय के कुछ अधिकारी भी थे और वह उन्हें गोपनीय सूचनाएं मुहैया कराते थे। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ऐसे कई सरकारी कर्मी भी स्पेशल सेल के रडार पर हैं।
पुलिस का आरोप है कि स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा (Rajeev Sharma) 2016 से लगातार चीनी खुफिया एजेंसियों से जुड़े माइकल और जॉर्ज की कठपुतली बना हुआ था। चीन की खुफिया एजेंसियां हवाला व फर्जी कंपनियों के जरिए उसे जासूसी के बदले मोटी रकम का भुगतान करती थीं। पुलिस के मुताबिक जनवरी 2019 से सितंबर 2020 के बीच पत्रकार राजीव को करीब 45 लाख रुपए चीनी खुफिया एजेंसियां दे चुकी हैं।
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पकड़ा गया राजीव शर्मा (Rajeev Sharma) साल 1982 से पत्रकारिता कर रहा था और उसने कई बड़े नामी अखबारों के अलावा राष्ट्रीय न्यूज एजेंसियों में भी काम किया है। आरोपी पत्रकार रक्षा मामलों और विदेश नीति के बारे में देश–विदेश के अखबारों और मैगजीन में लगातार लिख रहा था। उसके पास पीआईबी कार्ड था‚ जिसके चलते उसका कई मंत्रालयों में सीधे आना जाना था। साल 2010 में राजीव शर्मा ने नौकरी छोड़कर स्वतंत्र पत्रकारिता शुरू की।
आरोपित पत्रकार राजीव (Rajeev Sharma) साल 2010 से 2014 के बीच चीन के मुखपत्र और प्रमुख समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के लिए लिखता था। उसके लेख पढ़कर चीनी खुफिया एजेंसी से जुड़े लोग उसके संपर्क में आए। एक इंटरव्यू देने के बहाने उसे चीन के कुनिमंग शहर बुलाया गया‚ जहां माइकल ने सोशल साइट लिंक्डइन से उससे संपर्क किया। बाद में उसे चीन बुलाया गया और चीन पहुंचने पर माइकल ने उसे जासूसी का ऑफर दिया। मोटी रकम का लालच मिलने पर वह उनके झांसे में आ गया। माइकल व उसके जूनियर शू ने पत्रकार राजीव से भारत–चीन की सीमा पर सेना की तैनाती और मूवमेंट की जानकारी‚ डोकलाम‚ भूटान–सिक्कम और चीन‚ ट्राई जंक्शन की जानकारी‚ भारत–म्यांमार सेना से जुड़ी जानकारियां मांगी थी। 2016 से 2018 के बीच राजीव थाईलैंड‚ मालद्वीव‚ नेपाल और लाओस जाकर इनके साथ मीटिंग करता रहा। पुलिस ने दावा किया कि एक खुफिया जानकारी मुहैया किए जाने पर राजीव शर्मा को 35,000 से 70,000 रुपये दिए जाते थे।
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