
विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) II फाइल फोटो।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) की 93वें वार्षिक बैठक के एक सत्र में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अपने एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन (China) के साथ सात महीने लंबे सीमा गतिरोध में भारत की परीक्षा ली जा रही थी। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि देश राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौती पर खरा उतरेगा।
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पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर हुए ‘‘घटनाक्रमों’’ को ‘‘बेहद परेशान’’ करने वाला बताते देते हुए विदेश मंत्री (S Jaishankar) ने कहा कि एलएसी पर जो कुछ भी हुआ वह चीन (China) के हित में नहीं है क्योंकि सीमा पर चीन भारत में साख गंवाने की आशंका का सामना कर रहा है जिसे हाल के दशकों में बड़ी सूझबूझ से विकसित किया गया था।
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एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बताया कि इन घटनाक्रमों ने कुछ बहुत ‘‘बुनियादी चिंताएं’’ पैदा कर दी है क्योंकि ‘‘अन्य पक्ष’’ ने एलएसी (LaC) का सम्मान करते हुए समझौतों का पालन नहीं किया है। विदेश मंत्रालय ने बकायदा इस बात को भी कहा है।
India has said that Chinese action along the #LAC in the last six months is in violation of the bilateral agreements and protocols ensuring peace and tranquility. @PIB_India @airnewsalerts @MEAIndia pic.twitter.com/BnYxu8Jvru
— DD News (@DDNewslive) December 13, 2020
विदेश मंत्री (S Jaishakar) से वहां मौजूद पत्रकारों ने जब ये पूछा कि क्या चीन-भारत सीमा (India-China Border) पर गतिरोध लंबा चलेगा या इसमें कोई सफलता मिलने की उम्मीद है? एस पर एस जयशंकर ने जवाब देते हुये कहा कि ‘‘ मैं किसी तरह का पूर्वानुमान नहीं लगाऊंगा कि क्या यह करना आसान होगा या नहीं अथवा समय सीमा क्या होगी?’’
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