मोदी सरकार ने दिया दिवाली का तोहफा, नये कर्मचारियों का अगले दो साल तक का पीएफ सरकार देगी

वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) के मुताबिक, इसमें 15,000 से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं।

Nirmala Sitharaman

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने रोजगार प्रोत्साहन के लिये कई नई योजनाओं की घोषणा की। इसके तहत नई नियुक्तियां करने वाले संस्थानों को भविष्य निधि योगदान में सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत संस्थानों को नई नियुक्तियों पर उनके कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योगदान पर कर्मचारी के साथ-साथ नियोक्ता के हिस्से का योगदान भी सरकार की तरफ से किया जायेगा।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के मुताबिक, इस योजना के तहत सेवानिवृत्ति कोष में कर्मचारियों का योगदान (वेतन का 12 फीसदी) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 फीसदी) यानी कुल वेतन का 24 फीसदी हिस्सा अगले दो साल के दौरान नई नियुक्तियां करने वाले संस्थानों को दिया जाएगा।

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पंजीकृत संस्थानों को नए कर्मचारियों की नियुक्ति पर यह सब्सिडी मिलेगी। वित्त मंत्री के अनुसार, इस योजना के तहत 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी को ही शामिल किया जायेगा।

वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) के मुताबिक, इसमें 15,000 से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं।

योजना के दायरे में ईपीएफओ (EPFO) के पास रजिस्टर्ड संस्थान ही आएंगे। नये कर्मचारियों का आकलन सितंबर 2020 की स्थिति से किया जाएगा।

इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम 50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नई भर्तियां करनी होंगी, जबकि जिन प्रतिष्ठानों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम पांच नई नियुक्ति करनी होगी।

वित्त मंत्री ने आपात ऋण सहायता गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाये जाने की भी घोषणा की। इस योजना के तहत लघु एवं मझोले उद्यमों को गारंटीशुदा और बिना किसी गिरवी के कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने दबाव वाले क्षेत्रों की मदद के लिये गारंटीशुदा ऋण योजना की भी घोषणा की।

ये योजना दबाव वाले 26 क्षेत्रों में कार्यरत इकाइयों के अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी लागू होगी। इन दबाव वाले क्षेत्रों की पहचान के वी कामत समिति ने की है। इसके तहत 29 फरवरी, 2020 तक 50 करोड़ रुपये से अधिक या 50 करोड़ रुपये तक के कर्ज वाली इकाइयां आएंगी।

सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि 29 फरवरी, 2020 तक बकाये का 20 फीसदी तक कर्ज क्षेत्र की इकाइयों को दिया जाएगा। अतिरिक्त कर्ज की अवधि पांच साल होगी। इसमें एक साल के लिये मूल राशि को लौटाने पर रोक शामिल है। योजना 31 मार्च, 2021 तक के लिये होगी।

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