Farmers Protest
किसानों (Farmers) ने कृषि कानूनों में संशोधनों के प्रस्ताव को खारिज करते हुए सरकार से दो टूक कहा है कि जल्द से जल्द किसान विरोधी इस कानून को रद्द किया जाये। किसानों ने सरकार के साथ बैठक में सख्त शब्दों में कहा कि सरकार उन्हें बता दें कि वो इस कानून को रद्द करेगी या नहीं। सरकार के मंत्रियों ने किसानों को मनाने के सिलसिले में कहा कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहती है। इस बैठक में किसानों ने सरकार से साफ कह दिया कि भाषण तो बहुत हो गए‚ लेकिन अभी तक कुठ ठोस कदम नहीं उठाया गया, ऐसे में अब उन्हें नजीजा चाहिये।
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इस बीच सरकार ने मौजूदा गतिरोध को दूर करने के लिए ही नौ दिसम्बर को फिर से बैठक का प्रस्ताव दिया है। किसानों (Farmers) ने आंदोलन से बच्चों और बुजुर्गों को हटाने की भी सरकार की अपील नकार दी। उन्होंने सरकार के मंत्रियों से कहा कि सरकार चाहे तो बल का प्रयोग कर ले‚ लेकिन फिर भी किसान पीछे नहीं हटेंगे।
गौरतलब है कि इस बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह‚ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल की एक बैठक हुई। जिसमें मंत्रियों ने प्रधानमंत्री को ताजा हालात से अवगत कराया।
वहीं अगर, पांचवी बैठक की तुलना पूर्व वाली बैठकों से की जाये तो ये साफ नजर आया कि मौजूदा बैठक का माहौल अच्छा नहीं था। इस बैठक में किसान नेताओं (Farmers) ने कई बार सख्ती दिखाई और बैठक के दौरान एक बार सभी ने मौन धारण करके पेपर पर लिखकर मंत्रियों से पूछ लिया कि हां या ना में जवाब चाहिए।
इस बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता ने कहा कि किसान सरकार को कोई सुझाव नहीं देंगे। क्योंकि किसान (Farmers) पहले ही अपनी सभी मांगों को लिखित में बता चुके हैं। बैठक में सरकार को बार–बार कहा गया कि कृषि कानून समाप्त होने और एमएसपी गारंटी का कानून बनने तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा। साथ ही सोमवार से दिल्ली–आगरा का सड़क मार्ग पूरी तरह ठप कर दिया जाएगा और इसके लिए एक हजार ट्रैक्टरों को सड़क पर खड़ा कर दिया जायेगा। साथ ही 8 दिसम्बर को भारत बंद का भी आयोजन किया जायेगा।
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम कई बार एमएसपी जारी रहने के संबंध में अपना संकल्प दोहरा चुकी है। अगर फिर भी किसानों (Farmers) को कोई संदेह है तो सरकार उसे दूर करने के लिए तैयार है। कृषि मंत्री ने कहा कि एपीएमसी एक्ट राज्य का है‚ राज्य की मंडी को प्रभावित करने का केंद्र का इरादा नहीं है। सरकार केवल एपीएमसी को मजबूत करना चाहती है। सरकार इस विषय पर भी किसानों की गलतफहमी का समाधान करने को तैयार है। कृषि मंत्री ने कहा कि बैठक में उम्मीद थी कि शंकाओं वाले विषयों पर किसान नेताओं से कुछ सुझाव स्पष्टता से मिल जाएं पर ऐसा हो नहीं सका‚ इसीलिए 9 तारीख को फिर बैठक होगी।
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