
छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 9 अप्रैल को हुए नक्सली हमले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक समेत 5 लोगों की मौत हो गई। नक्सलियों ने यह हमला लोकसभा चुनावों में खलल डालने और आम जनता में भय पैदा करने के लिए किया है। इस हमले के बाद सुरक्षा को लेकर चुनाव आयोग की चिंता भी बढ़ गई है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा के पहले और दूसरे चरण के मतदान 11 अप्रैल और 18 अप्रैल को होने हैं। तीसरे चरण के मतदान 23 अप्रैल को होंगे। चुनाव आयोग ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए तीनों चरण के मतदान अपने तय कार्यक्रम के अनुसार ही होंगे।
सभी चरणों के चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए हर वांछित उपाय किए जाएंगे। चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पहले और दूसरे चरण में होने वाले चुनाव से पहले सभी नक्सल प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों और चुनाव कर्मियों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बात की और मतदान संपन्न होने तक पूरी सावधानी बरतने के निर्देश दिए।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के मूवमेंट पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अटैक-प्रोन इलाकों से पोलिंग बूथों को पहले ही हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। साथ ही, सभी राजनीतिक दलों को ऐसे इलाकों से न गुजरने की हिदायत दी गई है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने मतदान से लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान से ठीक 2 दिन पहले एक बड़े नक्सली हमले में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई और 4 अन्य जवान शहीद हो गए। पर, चुनाव आयोग ने नक्सलियों के चुनाव-बहिष्कार के मंसूबे पर पानी फेरते हुए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही मतदान कराने का फैसला किया है।
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