साल 2020 में DRDO ने हासिल की बड़ी कामयाबी, किया रिकॉर्ड मिसाइलों का सफल परीक्षण

साल 2020 में भारत ने डिफेंस रिसर्च सेक्‍टर कई बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। डीआरडीओ (DRDO) के वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड मिसाइलें टेस्‍ट की। साल 2020 में तीन दर्जन से भी ज्‍यादा मिसाइल्‍स का सफल परीक्षण हुआ।

DRDO

फाइल फोटो।

इन टेस्‍ट्स से भारत ने दुश्‍मनों को यह बता दिया देश की ओर आंख उठाकर देखने वालों का बुरा हाल होगा। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख मिसाइल्‍स के बारे में जिनका टेस्‍ट DRDO ने इस साल किया।

साल 2020 में भारत ने डिफेंस रिसर्च सेक्‍टर कई बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। डीआरडीओ (DRDO) के वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड मिसाइलें टेस्‍ट की। साल 2020 में तीन दर्जन से भी ज्‍यादा मिसाइल्‍स का सफल परीक्षण हुआ। साइंटिस्‍ट्स ने सर्फेस टू सर्फेस, एयर टू एयर और वाटर टू एयर मार करने वाली मिसाइलें टेस्‍ट की हैं।

कई तरह के लॉन्‍च वीकल्‍स और कैरियर्स का भी टेस्‍ट सफल रहा। इन टेस्‍ट्स से भारत ने दुश्‍मनों को यह बता दिया देश की ओर आंख उठाकर देखने वालों का बुरा हाल होगा। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख मिसाइल्‍स के बारे में जिनका टेस्‍ट DRDO ने इस साल किया-

NGARM: देश की पहली न्‍यू जेनरेशन ऐंटी रेडिएशन मिसाइल (NGARM) का सफल टेस्‍ट 9 अक्‍टूबर को किया गया। यह मिसाइल दुश्‍मन के इलाके में घुसकर उसके सर्विलांस सिस्‍टम को ध्‍वस्‍त कर सकती है। ये वो मिसाइल हैं जिन्‍हें बनाया ही दुश्‍मन के कम्‍युनिकेशन सिस्‍टम को ध्‍वस्‍त करने के लिए है। ये दुश्‍मन के रडार, जैमर्स और यहां तक कि बातचीत के लिए इस्‍तेमाल होने वाले रेडियो के खिलाफ भी यूज हो सकती हैं।

चीन विवाद पर रक्षामंत्री का बड़ा बयान, बोले- ‘जो हमको छेड़ेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं’

‘पृथ्‍वी-2’: भारत ने 23 सितंबर और फिर 16 अक्‍टूबर को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और स्वदेशी ‘पृथ्वी-2’ मिसाइल का सफल ट्रायल किया। सतह से सतह पर मार करनेवाली यह अत्याधुनिक मिसाइल 350 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। पृथ्वी मिसाइल 500 से 1,000 किलोग्राम तक आयुध ले जा सकती है।

SMART: सुपरसोनिक असिस्‍टेंट रिलीज ऑफ टॉरपीडो यानी SMART मिसाइल बेहद खास है। यह ऐंटी शिप मिसाइल है जिसमें कम वजन का टारपीडो भी लगा होता है। दोनों मिल जाते हैं तो यह एक सुपरसोनिक ऐंटी सब‍मरीन मिसाइल बन जाती है। यानी यह मिसाइल की तरह भी काम करेगी और सबमरीन डिस्‍ट्रॉयर की तरह भी। इसका सफल टेस्‍ट 5 अक्‍टूबर को हुआ था।

नए साल से देश में होंगे ये 10 बड़े बदलाव, आम आदमी की जिंदगी पर पड़ेगा सीधा असर

‘नाग’ मिसाइल: राजस्थान के पोखरण में ‘नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल’ (Nag anti-tank guided missile) का सफल परीक्षण किया गया। 22 अक्टूबर की सुबह इस मिसाइल का परीक्षण हुआ। इस मिसाइल का टेस्ट वॉरहेड पर किया गया है। यह एंटी टैंक मिसाइल दुश्मन के टैंक समेत अन्य सैन्य वाहनों को सेकेंडों में समाप्त कर सकती हैं।

इन मिसाइलों में अचूक निशाना लगाने की क्षमता है। ये दुश्मन के टैंक को पल भर में नेस्तानाबूद कर सकती हैं। ये मिसाइलें वजन में काफी हल्की होती हैं। ये मीडियम और छोटी रेंज की मिसाइल होती हैं, जो फाइटर जेट, वॉर शिप समेत अन्य कई संसाधनों के साथ काम कर सकती हैं।

कोरोना का नया स्ट्रेन भारत को भी ले रहा चपेट में, 20 लोग हुए संक्रमित, मचा हड़कंप

ब्रह्मोस: ब्रह्मोस का यह नया रूप असल में कम दूरी की रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह मिसाइल जमीन, पानी, हवा के अलावा नेवल शिप और पनडुब्‍बी से भी छोड़ी जा सकती है।

HSTDV: 7 सितंबर को DRDO ने अहम उपलब्धि हासिल की। बालासोर में हाइपरसोनिक टेक्‍नॉलजी डिमॉन्‍स्‍ट्रेटर वीइकल (HSTDV) का सफल टेस्‍ट हुआ। भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया जिसके पास ये तकनीक है। HSTDV को न सिर्फ हाइपरसोनिक और लॉन्‍ग रेंज क्रूज मिसाइल्‍स के वीइकल की तरह इस्‍तेमाल किया जा सकेगा, बल्कि इसके कई सिविलियन फायदे भी हैं। इससे छोटे सैटेलाइट्स को कम लागत में लॉन्‍च किया जा सकता है।

छत्तीसगढ़: साल 2020 में नक्सलियों के खिलाफ मिली बड़ी सफलता, हुईं 104 मुठभेड़ें, जानें आंकड़ा

‘अभ्‍यास’ ड्रोन: 22 सितंबर को DRDO ने अभ्यास लड़ाकू ड्रोन का सफल परीक्षण किया था। ड्रोन ने पूरी तरह से ऑटोनॉमस वेपॉइंट नेविगेशन मोड में परफॉर्मेंस साबित की। इन वाहनों का इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल सिस्टम्स के मूल्यांकन में लक्ष्य के तौर पर किया जा सकेगा।

ATGML: यह ऐंटी टैंक गाइडेड मिसाइल असल में लेजर गाइडेड है। इसे अर्जुन टैंक से सफलतापूर्वक 23 सितंबर को लॉन्‍च किया। मिसाइल ने कई किलोमीटर दूर स्थित टारगेट टैंक के परखच्‍चे उड़ा दिए थे। एटीजीएम के जरिए कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हेलिकॉप्टर्स को भी ढेर किया जा सकता है।

पीएम मोदी ने किया डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन, कहा- प्रदर्शन के नाम पर ना पहुंचायें सरकारी संपत्ति को नुकसान

शौर्य म‍िसाइल: गांधी जयंती के दिन, 2 अक्‍टूबर को DRDO ने ‘शौर्य’ मिसाइल का सफल टेस्‍ट किया। इसे बेड़े में शामिल करने को मंजूरी दे दी गई है। इस मिसाइल में क्‍या खास है, जानने के लिए क्लिक करें।

‘निर्भय’ मिसाइल: 12 अक्‍टूबर को ‘निर्भय’ क्रूज मिसाइल का टेस्‍ट हुआ। 1000 किमी तक मार करने वाली यह मिसाइल सबसोनिक है। समुद्र और जमीन की सतह से कुछ ऊपर उड़ान भरने वाली यह मिसाइल दुश्मन के रडार की पहुंच से बचने में कामयाब रहती है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें