DRDO ने किया सतह से हवा में मार करने वाली स्वदेशी मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें खूबी

डीआरडीओ (DRDO) ने 22 फरवरी को स्वदेशी तकनीक से निर्मित एवं डिजाइन वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का दो सफल परीक्षण किया।

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DRDO ने बताया कि बिलकुल पतली मिसाइल किसी भी आकाशीय खतरे को कम दूरी में समाप्त करने में सक्षम है और इसे नौसेना में शामिल किया जाएगा।

रक्षा के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा रक्षा अनुसंधान विकास परिषद (DRDO) लगातार काम कर रहा है। इस कड़ी में डीआरडीओ ने 22 फरवरी को स्वदेशी तकनीक से निर्मित एवं डिजाइन वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का दो सफल परीक्षण किया।

इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट पर स्थित चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण स्थल (आईटीआर) से एक सीधे वर्टिकल लॉन्चर से किया गया। यह मिसाइल सिस्टम दुश्मन के हथियारों के करीब आने पर निष्क्रिय करने में समर्थ है। इसके परीक्षण के बाद नौसेना की ताकत में और इजाफा हुआ है।

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बताया कि बिलकुल पतली मिसाइल किसी भी आकाशीय खतरे को कम दूरी में समाप्त करने में सक्षम है और इसे नौसेना में शामिल किया जाएगा।

डीआरडीओ ने अपने एक ट्वीट में कहा, “नौसेना के लिए स्वेदशी तकनीक से डिजाइन एवं विकसित वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का आज दो सफल परीक्षण किया गया। इसे डीआरडीओ ने बनाया है। यह मिसाइल दुश्मनों के हथियारों के करीब आने पर उन्हें नष्ट करने में सक्षम है।”

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DRDO ने बताया कि मिसाइल को लॉन्च करने से लेकर बंगाल की खाड़ी में लक्ष्य को भेदने तक कई रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिक यंत्रों से इसकी निगरानी की गई। सुरक्षा के मद्देनजर परीक्षण रेंज के अधिकारियों ने बालासोर के जिला प्रशासन से तालमेल कर 6322 लोगों को इलाके के ढाई किलोमीटर की परिधि से खाली करा लिया गया था।

वहीं, रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, “वर्टिकल लॉन्च की क्षमता को परखने के लिए ये परीक्षण किए गए। इस तरह का यह पहला टेस्ट था। दोनों ही परीक्षणों में मिसाइल ने सफलतापूर्वक एवं पूरी सटीकता के साथ लक्ष्यों पर निशाना साधा। मिसाइल का परीक्षण न्यूनतम एवं अधिकतम रेंज के लिए किया गया। परीक्षण के दौरान वीएल-एसआरएसएएम के साथ वीपन कंट्रोल सिस्टम (डब्ल्यूसीएस) को भी लगाया गया था।”

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मिसाइल सिस्टम वीएल-एसआरएसएएम के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने DRDO को बधाई दी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी वीएल-एसआर एसएएम प्रणाली का सफल परीक्षण करने वाले दल को बधाई दी।

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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी DRDO को बधाई देते हुए ट्वीट किया, “स्वदेश में विकसित कम दूरी की ‘वर्टिकल लांच’ सतह से हवा में मार करने वाली (वीएल-एसआर एसएएम) मिसाइल का ओडिशा के तट पर सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करने के लिए डीआरडीओ को बधाई।”

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