बड़ी सफलता: बढ़ेगी मिसाइल की स्पीड, DRDO ने किया इस इंजन का सफल परीक्षण

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने 7 सितंबर को स्वदेशी स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोनट्रेटर वाहन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

DRDO

फाइल फोटो।

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने 7 सितंबर को स्वदेशी स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोनट्रेटर वाहन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह जानकारी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी। रक्षामंत्री ने कहा कि इस सफलता के बाद अब अगले चरण का काम शुरू हो गया है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं डीआरडीओ (DRDO) को इस कामयाबी के लिए शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाया मैंने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।”

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इससे पहले, जून 2019 में हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डेमोनस्ट्रेटर वाहन का पहला परीक्षण किया गया था। इसका इस्तेमाल हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने और काफी कम खर्चे में सैटेलाइट लॉन्चिंग में की जाएगी। साथ ही हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिए यान के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।

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हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डेमोनस्ट्रेटर वाहन, हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली विकसित करने से संबंधित कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। अब भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास यह तकनीकि है। बता दें कि अमेरिका, रूस, और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश है, जिसने इस तकनीक को विकसित किया है।

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