DRDO का कहना है कि अगर उसे ऑर्डर मिले तो 18 से 24 महीनों में वह 200 से ज्यादा मेड इन इंडिया एडवांस टावर आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) हॉवित्जर तैयार कर सकता है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस बीच भारतीय सेना खुद को लगातार मजबूत कर रही है। इसी के तहत भारतीय सेना को 400 से ज्यादा हॉवित्जर (Howitzers) तोपों की जरूरत है, जिसके लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) पूरी तरह तैयार है।
DRDO का कहना है कि अगर उसे ऑर्डर मिले तो 18 से 24 महीनों में वह 200 से ज्यादा मेड इन इंडिया एडवांस टावर आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) हॉवित्जर तैयार कर सकता है।
डीआरडीओ के अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास सारी सुविधाएं हैं, जिससे स्वदेशी हॉवित्जर को तैयार किया जा सकता है। वहीं इजरायल की हॉवित्जर के उत्पादन में लंबा समय लगेगा। हमारे देश की सेना चाहती है कि जल्द से जल्द इन एडवांस हॉवित्जर को चीन की सीमा पर तैनात करें, जिससे दुश्मन देश के सामने भारतीय सेना मजबूत दिखाई दे।
बता दें कि इजरायल से मंगाई जाने वाली हॉवित्जर को एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, ऐसे में समय ज्यादा लगता है। वहीं डीआरडीओ के अधिकारियों का कहना है कि एटीएजीएस का महाराष्ट्र के अहमदनगर में परीक्षण चल रहा है। ऑर्डर मिलने के 18 से 24 महीनों के भीतर हम सेना को 200 से ज्यादा तोपें दे सकते हैं।
बता दें कि डीआरडीओ की ओर से तैयार किए जा रहे एटीएजीएस पहले से काफी बेहतर हैं और डीआरडीओ हर काम में पहले से बेहतर कर रहा है।
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