तेजस की मारक क्षमता में जबरदस्त इजाफा, DRDO ने किया पाइथन-5 मिसाइल का सफल परीक्षण

विमान से मिसाइल के सफलतापूर्वक अलग होने संबंधी परीक्षणों के बाद गोवा में ‘दुश्मन’ के लक्ष्य को भेदने के लिए परीक्षण किया गया। बयान में कहा गया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ (DRDO) और परीक्षण से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी है।

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भारत के स्वदेश में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस (Tejas) की हवा से हवा में मार करने की हथियार क्षमता में पांचवीं पीढी का पाइथन–5 मिसाइल जुड़ गया है। यह मिसाइल सफलता की कसौटी पर एकदम खरा उतरा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ (DRDO) और परीक्षण से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी है।

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रक्षा अनुसंधान विकास संस्थान (DRDO) ने एक बयान में बताया कि इस परीक्षण का लक्ष्य तेजस पर पहले से ही एकीकृत डर्बी बियांड विजुअल रेंड (बीवीआर) एएएम की बढ़ी हुई क्षमता को सत्यापित करना था। उसने कहा कि गोवा में किए गए इस परीक्षण प्रक्षेपण से विभिन्न चुनौतीपूर्ण परिदृश्यों में इसके प्रदर्शन के प्रमाणन के लिए मिसाइल परीक्षणों की श्रृंखला पूरी हुई।

बयान में कहा गया‚ ‘डर्बी मिसाइल ने तेज गति से हवा में करतब दिखा रहे लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया और पाइथन मिसाइल ने भी 1009 फीसदी लक्ष्य पर वार किया‚ इस तरह अपनी पूर्ण क्षमताओं को प्रमाणित किया। इन परीक्षणों ने अपने सभी लक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति की।’

इस परीक्षणों से पहले बेंगलुरू में तेजस में लगी विमानन प्रणाली के साथ मिसाइल के एकीकृत होने के आकलन के लिए व्यापक हवाई परीक्षण किए गए। इनमें लडाकू विमान की वैमानिकी‚ फायर–नियंत्रण रडार‚ मिसाइल आयुध आपूर्ति प्रणाली‚ विमान नियंत्रण प्रणाली शामिल हैं। विमान से मिसाइल के सफलतापूर्वक अलग होने संबंधी परीक्षणों के बाद गोवा में ‘दुश्मन’ के लक्ष्य को भेदने के लिए परीक्षण किया गया। बयान में कहा गया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ (DRDO) और परीक्षण से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी है।

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